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गया जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 500 को पार कर चुकी है. बीते एक सप्ताह से एएनएमसीएच कोविड अस्पताल (ANMCH Covid Hospital) में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित या संदिग्धों की मौत हो रही है.

गया. कोरोना संक्रमण (Corona an infection) का दायरा जिले में लगातार बढ़ता जा रहा है. अब तो आम लोगों के साथ ही वीआईपी लोग भी इसकी चेपट में आ रहे हैं. इसी क्रम में मगध डेयरी के एमडी अवधेश कुमार कर्ण के गंभीर रूप से बीमार होने पर 13 जुलाई को एएनएमसीएच (ANMCH) में भर्ती कराया गया था और 15 जुलाई को उनकी मौत हो गयी. मौत की खबर से मगध डेयरी के कर्मचारी और अधिकारी सदमे में हैं और कई कर्मी डरे हुए भी हैं. दरअसल कुछ दिन पहले तक ये लोग साथ-साथ काम कर रहे थे. स्व अवधेश कुमार ने मगध समेत अन्य डेयरी में मार्केटिंग ऑफिसर से करियर की शुरूआत की थी और अपनी मेहनत एवं लगन की वजह से उन्होंने एमडी तक का सफर तय किया था. वे रिटायर हो चुके थे पर प्रबंधन ने उनके काम को दखते हुए 2 साल का एक्सटेंशन दे दिया था. इस मौत पर मगध डेयरी डेयरी पूर्व चेयरमेन कमलेश कुमार सिंह और वर्तमान चेयरमेन जीतेन्द्र कुमार समेत कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने शोक जताया है.

शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक की भी हो चुकी है मौत
समूचे बिहार के साथ ही गया में भी कोरोना का विस्फोट पिछले कुछ दिनों से हो रहा है. यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 500 को पार कर चुकी है. इनमें एएनएमसीएच एवं दूसरे अस्पताल के डॉक्टर एवं स्वास्थयकर्मी, प्रशानिक पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं, सिपाही, नगर निगम के जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारी समेत कई व्यवसायी एवं आमलोग शामिल हैं. वहीं कोरोना से मौत के शिकार होने वाले बिहार के पहले डॉक्टर अश्वनी नंदकुलियार गया के ही रहनेवाले हैं और वे शहर जेनरल फिजिशियन के चुनिंदा डॉक्टरों में से एक थे. उनकी मौत कोरोना की वजह से पटना के एम्स में हो गयी थी. गौरतलब है कि बीते एक सप्ताह से एएनएमसीएच कोविड अस्पताल में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित या संदिग्धों की मौत हो रही है.

कोरोना जांच में कोताही बरतने का लग रहा है आरोपजिले में कोरोना जांच की संख्या में बढोतरी हो रही है, पर कई लोग स्वास्थय विभाग पर जांच कराने में कोताही बरतने का आरोप लगा रहे हैं. बुधवार को मलेरिया विभाग के एक अधिकारी ने अपनी पत्नी का जांच नहीं कराने की शिकायत सिविल सर्जन से की. वहीं टिकारी के बृजमोहन शर्मा समेत जिले के की सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आये एवं सिम्टम पाये गये मरीज की भी कोरोना जांच कराने में विभाग लापरवाही बरत रहा है जिससे मरीज के समय पर इलाज नहीं हो पा रहा है और उसकी स्थिति खराब हो जा रही है.

सरकार के नयी गाइडलाइन के मुताबिक हो रही है जांच
इस मामले पर डीएम अभिषेक सिंह और सिविल सर्जन ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की नयी गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना की जांच करायी जा रही है और लोगों से किसी भी तरह की परेशानी महसूस होने पर होम आइसोलेट रहने की सलाह दी जा रही है. सिविल सर्जन ने बताया कि नई गाइडलाइन के मुताबिक सैंपल लेने के लिए निम्न लक्ष्ण वाले मरीजों को तरजीह दी जा रही है.

1.पॉजिटिव व्यक्ति के परिवार के सदस्य
2.दवा देने के बवाजदू लगातार 100 डिग्री से ज्यादा बुखार रहने पर.
3.65 साल से उपर के व्यक्ति के खांशी, बुखार एवं दम फूलने की शिकायत रहने पर.
4. डायबिटिक, बीपी, किडनी डिजीज, हर्ट डिजीज, एचआइवी, टीबी, गर्भवती महिला में शिकायत मिलने पर.
5. जिले में चल रहें विभिन्न फ्लू जांच कार्नर में सिम्टॉमिक मरीज जिन्हें हाई फीवर, दम फूलना एवं खांसी की शिकायत हो.
6. सेलक्टिव सर्जरी केस वाले मरीज को.



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