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इसी क्रम में दिल्ली के बाद अब गाजियाबाद में भी कोविड इलाज की दरें सस्ती हुई हैं. अब यहां भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए वीके पॉल कमेटी की सिफारिशें लागू कर दी गई हैं. उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government ) ने इस बाबत शासनादेश जारी किया था.
इसी क्रम में दिल्ली के बाद अब गाजियाबाद में भी कोविड इलाज की दरें सस्ती हुई हैं. अब यहां भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए वीके पॉल कमेटी की सिफारिशें लागू कर दी गई हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बाबत शासनादेश जारी किया था जिसके बाद गाजियाबाद के जिला प्रशासन ने इस संबंध में कोविड का इलाज कर रहे सभी अस्पतालों को यह आदेश जारी किया. गाजियाबाद शासन के आदेश के मुताबिक जिले में कोई भी अस्पताल कोरोना वायरस मरीज से प्रतिदिन 18000 से ज्यादा फीस नहीं ले सकेगा.
इन दरों को लागू करने के लिए आदेश जारी करेंगे
गाजियाबाद की तरह जल्द ही नोएडा और यूपी में ए श्रेणी के तहत दस बड़े शहरों के स्थानीय प्रशासन इन दरों को लागू करने के लिए आदेश जारी करेंगे. इसके अलावा प्रदेश के अन्य छोटे शहरों में भी इन्हीं दर के मुताबिक या फिर इससे कम दर में निजी अस्पताल कोरोना इलाज के लिए मरीजों से पैसे लेंगे. इस कमेटी द्वारा दी गई सिफारिशों के मुताबिक आइसोलेशन के साथ ऑक्सीजन बेड की दर 8000 से 10000 रुपए हैं. बिना वेंटीलेटर के आईसीयू 13000 से 15000 रुपए हैं. वहीं, वेंटीलेटर के साथ आईसीयू 15000 से 18000 रुपए होंगी. पीपीई किट की कीमतें भी शामिल होंगी. इस कमेटी की सिफारिशों से पहले कोरोना वायरस का इलाज कर रहे अस्पतालों के लिए पैसे लेने का कोई मापदंड नहीं था और मरीज के ऊपर इलाज का दोगुना से ज्यादा खर्चा आता था.गाजियाबाद में लगातार संक्रमण का बड़ा खतरा रहा है
गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के मुताबिक दिल्ली से सटे होने के कारण गाजियाबाद में लगातार संक्रमण का बड़ा खतरा रहा है. मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. ऐसे में जब यह मापदंड तय हो गए हैं तो अस्पताल इलाज के खर्च को लेकर कतई अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे. यही नहीं कोविड के हर अस्पताल में इलाज की सुविधा बेहतर हो इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर लगातार निगरानी और सुविधाओं का आकलन किया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक सरकारी कोविड केयर सेंटर की सुविधाओं को भी केन्द्र सरकार के मापदंडों के मुताबिक ही रखने की कोशिश की जा रही है. कोरोना वायरस इलाज के लिए गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर वीके पॉल कमेटी का गठन किया था, जिसने कई अहम सुझाव दिए थे. जिससे दिल्ली में कोरोना मरीजों को उचित दरों पर इलाज मिल सके. टेस्टिंग ज्यादा हो सके और उनकी देखरेख अच्छे से हो सके.
मुख्यमंत्री को निर्देश दिया था
दिल्ली के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्री को निर्देश दिया था कि एनसीआर के जिलों में भी यही व्यवस्था लागू की जाए. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने एनसीआर समेत यूपी के सारे जिलों में यही दर तय की है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी दिल्ली की ही तर्ज पर कई जिलों में एंटीजेंट टेस्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस टेस्ट से कोरोना संक्रमण का रिजल्ट आधे घंटे में ही आ जाता है. गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर शुरू हुई इस प्रक्रिया के दिल्ली में बेहद सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद समेत अन्य शहरों में जहां संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं वहां टेस्टिंग की इस प्रक्रिया से कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने में मदद मिलेगी.
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