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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) इन दिनों लगातार भारत विरोधी बयान दे रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने विवादित बयान देते हुए भारतीय आस्था को चुनौती दी है.
दरअसल नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इन दिनों लगातार भारत विरोधी बयान दे रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने विवादित बयान देते हुए भारतीय आस्था को चुनौती दी है. ओली ने दावा किया है कि भगवान राम का जन्म स्थान अयोध्या नेपाल में है. उन्होंने यह भी दावा किया कि भगवान राम नेपाली थे. ओली ने दावा किया कि अयोध्या (Ayodhya) एक गांव है जो बीरगंज के पश्चिम में स्थित है. भारत में बसी अयोध्या, असली अयोध्या नहीं है. उनके इस दावे को लेकर जहां भारत में भारी नाराजगी दिख रही है, वहीं नेपाल के भीतर भी ओली के दावे को सिरे से खारिज किया जा रहा है.
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबू राम भट्टाराई ने ओली के बयान को बेतुका बताया है. वहीं, नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री रमेश नाथ पांडे ने ओली पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, धर्म राजनीति और कूटनीति से ऊपर है. यह बहुत ही भावनात्मक विषय है. बेतुकी बयानबाजी से केवल शर्मिंदगी महसूस कराती है. अगर असली अयोध्या बीरगंज के पास है तो फिर सरयू नदी कहां है?
Religion is above politics & diplomacy. Its a extremely emotive situation. Ridiculous statements solely trigger embarrassment. If Ayodhya is close to Birgunj, the place is the Sarayu river ?
— Ramesh Nath Pandey (@rameshnathpande) July 13, 2020
नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के इस बयान पर भारत में भी नाराजगी जताई जा रही है. खासकर बिहार के सीतामढ़ी में मां सीता के जन्मस्थान के साधु-संत से लेकर आम जन भी बेहद नाराज हैं. माता सीता की जन्मस्थली कहे जाने वाले शहर सीतामढ़ी के पुनौराधाम के महंथ कौशल किशोर दास ने कहा है कि रामजन्मभूमि को लेकर लंबे अरसे से विवाद चला रहा था, जिस विवाद का निपटारा देश की न्यायिक संस्था के द्वारा किया गया. लेकिन अब नेपाल के प्रधानमंत्री अपने बेतुके बयान के जरिये भारत मे अस्थिरता पैदा करना चाह रहे हैं, इसे लोग कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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