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उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस प्रोसेस को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके बाद डेवलपर्स को विभिन्न मंजूरियों के लिए अलग-अलग अथॉरिटीज के पास नहीं जाना होगा. इससे समय और धन की बचत होगी, जिसका लाभ घर खरीदारों को भी मिल सकेगा.
धन और समय की होगी बचत
रियल एस्टेट मामलों के एक जानकार का कहना है कि इससे सीधे तौर पर घर खरीदारों को फायदा मिलेगा क्योंकि कम खर्च का लाभ उन तक पहुंचाया जाएगा. साथ ही प्रोजेक्ट्स की डिलीवरी भी समय पर करने में मदद मिलेगी. ऐसे में अगर किसी प्रोजेक्ट में कोई देरी होती है तो अथॉरिटीज भी जवाबदेह होंगे. ऐसा सिस्टम होना आवश्यक है, जहां बिल्डर्स एक ही जगह पर सभी डॉक्युमेंट्स जमा करें औपचारिकताएं पूरी करें.
नोएडा और गाजियाबाद जैसे दिल्ली-एनसीआर के शहरों के अलावा इसका लाभ लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, बेरली और झांसी जैसे 2-टियर शहरों में भी मिल सकेगा. इन शहरों में निवेश करने के लिए डेवलपर्स ने इच्छा जाहिर की है. पिछले सप्ताह ही उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (UP RERA) ने मौजूदा पॉलिसीज और प्रक्रियाओं के बेंचमार्किंग के लिए बिड्स मंगाया है.यह भी पढ़ें: 1 लाख करोड़ के फंड से कटाई बाद फसल प्रबंधन की समस्या का होगा हल- मोदी
ट्रैक कर सकेंगे क्लियरेंस प्रोसेस
दरअसल, यूपी रेरा चाहती है कि सभी तरह के डेवलपमेंट अथॉरिटीज (Development Authorities) को एक छत के नीचे ही लाया जाए ताकि निर्धारित समय के अंतर क्लियरेंस को सुनिश्चित किया जा सके. इससे रियल एस्टेट प्रोमोटर्स के लिए वन स्टॉप इंटीग्रेटेड सर्विस मुहैया हो सकेगी. इससे मंजूरियों में होने वाली देरी को कम करने में मदद मिलेगी और ट्रैकिंग सर्विस लेवल अग्रीमेंट यानी एसएलएज की मदद से क्लियरेंस प्रोसेस को ट्रैक किया जा सकेगा.
जुलाई 2020 तक देशभर में रेरा के अंतर्गत कुल 53,364 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो यह 2,818 है. डेवलपर्स का कहना है कि सिंगल विंडो सिस्टम की मांग लंबे समय से की जा रही थी.
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अकेले नोएडा में ही डेवलपर्स को तीन विभिन्न अथॉरिटीज से डील करना पड़ता है. साथ ही, पर्यावरण और फायर डिपार्टमेंट्स से भी मंजूरी लेनी होती है. रेरा के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन से पहले डेवलपर्स विज्ञापन नहीं जारी कर सकते है. और जमीन अधिग्रहण से लेकर अन्य तरह के क्लियरेंस में ज्यादा समय बर्बाद होता है.
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