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जॉनी ने दिव्यांग सर्टिफिकेट (Handicap Certificate) बनवाने के लिए मुरादाबाद स्वास्थ्य विभाग में आवेदन दिया था. मगर विभाग द्वारा जो सर्टिफिकेट बनाकर दिया गया उसमें उसे पागल घोषित कर दिया गया. सर्टिफिकेट में पागल जिक्र होने से युवग को ITI में एडमिशन नहीं मिल पाया
जॉनी ने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग में आवेदन किया था. मगर स्वास्थ्य विभाग ने जॉनी को जो सर्टिफिकेट बनाकर दिया है, उसमें जॉनी को पागल घोषित कर दिया गया. सर्टिफिकेट में पागल जिक्र होने से जॉनी को ITI में एडमिशन नहीं मिल पाया. मामला सामने आने पर अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच कराकर सही सर्टिफिकेट बनवा कर देने की बात कह रहे हैं. साथ ही गलती करने वाले स्टाफ पर भी कार्रवाई की बात कही जा रही है.
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में रहने वाले जॉर्ज उर्फ जॉनी के दोनों पैर पैदाइशी तौर पर खराब हैं. जॉनी ने दिव्यांग होने के बावजूद इंटर की परीक्षा पास कर अपने माता-पिता का सहारा बनने का सपना देखा था. दिव्यांग कोटे से रेलवे में निकलने वाली नौकरी करने के लिए जरूरी इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के लिए उसने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए आवेदन किया था. इंजीनियरिंग कॉलेज ने जॉनी से उसका दिव्यांग सर्टिफिकेट मांगा.
चूक पर स्वास्थ्य विभाग ने कहा- नया सर्टिफिकेट बनाकर देंगेजॉनी ने मुरादाबाद के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (CMO) के कार्यलय में दिव्यांग सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था. मगर स्वास्थ्य विभाग ने जॉनी को दोनों पैरों से दिव्यांगता का सर्टिफिकेट देने के बजाय उसे पागल घोषित कर सर्टिफिकेट जारी कर दिया. स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से जॉनी को इंजीनियरिंग कॉलेज ने एडमिशन देने से इनकार कर दिया.
लापरवाही भरा यह मामला मीडिया में आया तो मुरादाबाद के CMO एम.सी गर्ग ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने जॉनी को बुलवाया है, उसका दूसरा सर्टिफिकेट बनवाकर दिया जाएगा. उन्होंने गलत सर्टिफिकेट बनाने वाले कर्मचारी पर जांच के बाद विभागीय कार्रवाई की भी बात कही है. (फरीद शम्सी की रिपोर्ट)
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