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68 पाये वाले इस पुल निर्माण में 21.three हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें 2.2 हेक्टेयर सरकारी भूखंड है जबकि 19.1 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार अपने कोष से करेगी.
पुल के नीचे से गुजर सकेगा पानी का जहाज
68 पाये वाले इस पुल निर्माण में 21.three हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें 2.2 हेक्टेयर सरकारी भूखंड है जबकि 19.1 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार अपने कोष से करेगी. इसके लिए जिला प्रशासन को 51 करोड़ रुपये आवंटित कर दिया गया है. पुल के नीचे से पानी का जहाज निकल जा इसके लिए इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया की आवश्यकता के अनुसार पुल के नीचे के पाये के बीच में स्पेस और ऊंचाई प्रदान किया जायेगा. पुल निर्माण के लिए 21.three हेक्टेयर आवश्यकता वाले जमीन के लिए 70 रैयतों की जमीन को अधिग्रहित किया जायेगा. जमीन के दावा आपत्ति की प्रक्रिया को पूरी कर ली गयी है वहीं सरकारी जमीन के लिए जगदीशपुर,खरीक और सबौर के सीओ ने रिकार्ड को जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दिया है.
होंगे कई फायदेप्रस्तावित फोर लेन पुल वर्तमान विक्रमशिला सेतु के पूरब दिशा में बनेगा और इसके लिए नवगछिया से भागलपुर सड़क का भारत सरकार द्वारा नया नेशनल हाईवे संख्या-131(बी) के रूप में अधिसूचित किया गया है. समानांतर पुल बनने से न केवल गाड़ियों का दबाब कम होगा बल्कि नासूर बन चुका जाम से भी लोगों को राहत मिलेगी.
इन जिलों को मिलेगा लाभ
समानांतर पुल निर्माण से खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, भागलपुर, बांका सहित झारखंड और बंगाल के रास्ते आने जाने वाले लोगों को सुविधा मिलेगी. डीपीआर में समानांतर पुल का सेप एंड साइज के साथ जाम से निजात दिलाने के लिए अंडरपास और सेपरेटर समेत कई बिंदुओं को शामिल किया गया है. पुल के बन जाने से सीमांचल और झारखंड के लोगों का सड़क संपर्क सुगम होगा और पश्चिम बंगाल समेत नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों से इनकी कनेक्टिविटी बढ़ेगी.
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