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साल 1999 में हाईकोर्ट (Patna High court docket) ने सभी पर्चाधारियों का पर्चा खारिज कर दिया था. जिसके बाद ठाकुरबाड़ी की जमीन (Land) पर अवैध कब्जा को प्रशासन ने खाली कराया था. अब एक बार फिर इस जमीन पर कब्जा जमाया गया है.
जानकारी के मुताबिक दलित परिवारों ने 30 एकड़ जमीन कब्जा जमा लिया है. मौके पर कब्जाधारियों का नेतृत्व कर रहे सीपीएम नेता अजय कुमार ने बताया कि दलित परिवारों को कई वर्ष पूर्व सरकार द्वारा पर्चा दिया गया था. बार-बार लिखित और मौखिक आग्रह के बावजूद कब्जा दिलाने में प्रशासन ने आनाकानी की. इस बीच इस जमीन को अधिशेष घोषित कर सरकार के अन्य विभागों व संस्थानों को सौंपने की कोशिश की गई. जिससे आक्रोशित होकर भूमिहीन पर्चाधारियों ने कब्जा कर लिया है.
उजियारपुर सीओ ने बताया कि कब्जाधारियों से वार्ता कर समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है. मामले में अंचलाधिकारी संजय कुमार महतो ने आम सूचना जारी कर बताया कि भू-हकबंदी के तहत ठाकुरवाड़ी के महंथ रामशंकर दास से उपरोक्त जमीन को अधिशेष घोषित कर दिया गया है. किसी को भूमि आवंटन नहीं किया गया है. ऐसे में किसी प्रकार का निर्माण या दखल कब्जा अवैध है. ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जायगी.
इस जमीन पर आईटीआई कॉलेज, उजियारपुर थाना भवन और पंचायत भवन के निर्माण को लेकर अंचल कार्यालय द्वारा प्रकिया आरंभ की गई थी.इस मामले में रायपुर ठाकुरवाड़ी के महंथ रामशंकर दास ने बताया कि साल 1999 में उच्च न्यायालय द्वारा सभी पर्चाधारियों का पर्चा खारिज कर दिया गया था. जिसके बाद ठाकुरबाड़ी के चंदौली स्थित जमीन पर अवैध कब्जा को प्रशासन द्वारा खाली कराया गया था. सरकार द्वारा ठाकुरवाड़ी के 183 एकड़ जमीन में से दो हिस्सा (भगवान व सेवादार) को दिया गया है. एक हिस्सा जमीन सरकार अधिशेष घोषित कर कब्जा में ले लिया.
उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से किसी भी हिस्से के जमीन का सीमांकन नहीं कराया गया है. जिससे ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. हलांकि उन्होंने इस बात को भी कबूला कि सरकार द्वारा थाना, तकनीक कॉलेज जैसे संस्थाओं के लिए जमीन दे दी गई है.
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