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Vikas Dubey Encounter: इससे पहले बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात से हैरान हैं कि इतने मामलों में वांछित अपराधी जमानत पर कैसे रिहा हो गया और आखिरकार उसने इतने बड़े अपराध को अंजाम दे दिया.
PILs in encounter of #VikasDubey & aides: It is just not just one incident that’s at stake; what’s at stake is the entire system, Chief Justice of India tells Solicitor General Tushar Mehta.
— ANI (@ANI) July 20, 2020
इससे पहले बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात से हैरान हैं कि इतने मामलों में वांछित अपराधी जमानत पर कैसे रिहा हो गया और आखिरकार उसने इतने बड़े अपराध को अंजाम दे दिया. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें सभी आदेशों की सटीक रिपोर्ट दें क्योंकि यह सिस्टम की विफलता को दर्शाता है.
सुप्रीम कोर्ट में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर की सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि यह मामला तेलंगाना मुठभेड़ से कई मामलों में अलग है. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को भी मौलिक अधिकार है. क्या पुलिस पर अत्यधिक बल का आरोप लगाया जा सकता है जब वह एक खूंखार अपराधी के साथ लाइव मुठभेड़ में लगी हो? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि किस तरह विकास दुबे ने बेहरमी से पुलिसकर्मियों की हत्या की थी?
PILs in search of court-monitored probe in encounter of #VikasDubey and his aides: Uttar Pradesh authorities agrees and tells Supreme Court that it is able to reconstitute the committee to probe Vikas Dubey encounter case.
— ANI (@ANI) July 20, 2020
इस पर CJI ने कहा कि यह हैदराबाद और विकास दुबे केस में एक बड़ा अंतर है. वे एक महिला के बलात्कारी और हत्यारे थे और विकास दुबे और उसके साथी पुलिसकर्मियों के हत्यारे थे. उन्हानें कहा कि इस जांच से कानून का शासन मज़बूत ही होगा और पुलिस का मनोबल बढ़ेगा. सीजेआई ने कहा कि इतने संगीन मुकदमों का मुख्य आरोपी बेल पर रिहा था. कोर्ट ने समिति के संभावित सदस्यों के नाम कल तक देने को कहा. इसके साथ ही कोर्ट ने विकास दुबे को जमानत संबंधी सारे आदेश मांगे.
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