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बुधवार शाम को अस्पताल के सी-वार्ड से कोरोना मरीज़ के लापता होने के बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी.
चारों ओर हो रही थी तलाश
मेडिकल चौकी इंचार्ज मनबर सिंह के मुताबिक अस्पताल से फरार हुए कोरोना मरीज़ को काफी पकड़ने का प्रयास हो रहा था और उसकी लाश प्राइवेट वार्ड के वॉशरूम से बरामद हुई है. हालांकि मरीज़ के अचानक गायब होने और फिर बाथरूम में मृत हालात में मिलने से वार्ड में तैनात अस्पताल स्टाफ पर कई सवाल उठ रहे हैं. अब मृतक के परिजन पूरी घटना की जांच की मांग कर रहे हैं.
रामनगर के गुलरघट्टी का रहने वाला रहीस अहमद (56) मंगलवार को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया था. उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी. रहीस अहमद अस्पताल के सी-वार्ड में भर्ती थे जहां से वह बुधवार को अचानक गायब हो गए थे.मरीज़ों की गिनती करने के दौरान एक मरीज़ की जैसी ही ख़बर अस्पताल मैनेजमेंट को लगी इसकी सूचना पुलिस को दी गई. इसके बाद पुलिस की टीमें इस कोरोना संक्रमित मरीज़ की तलाश में जुटी रहीं लेकिन बाहर खाक छानने के बाद पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा. आखिरकार गुरुवार को मरीज़ के अस्पताल में ही मृत पाए होने की सूचना मिली.
दिल के मरीज़, बीपी-शुगर भी
गुरुवार को एक सफाई कर्मचारी प्राइवेट वार्ड की सफाई करने गए. तभी वार्ड के एक वॉशरूम में रहीस अहमद की लाश मिली. जिसके बाद इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दी गई. गायब मरीज़ की मौत की खबर लगते ही सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. प्रशासनिक अधिकारी जांच की बात कह कर मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए.
सुशीला तिवारी अस्पताल के सीएमएस डॉ. अरुण जोशी कहते हैं कि रहीस अहमद ने अपनी मेडिकल हिस्ट्री में दिल का मरीज़ होना बताया था. साथ ही उन्हें बीपी और शुगर भी था. सीएमएस के मुताबिक हो सकता है कि मरीज़ कोरोना का नाम सुनकर घबरा गया हो और पुरानी बीमारियों के कारण उसकी मौत हो गई हो. फिलहाल इस घटना की जांच की जाएगी.
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