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कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करते हुए कार्यक्रम में सीमित संख्या में (लगभग 200) लोगों को बुलाया जाएगा. सूची को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.
लगभग 200 लोग आमंत्रित किए जाएंगे
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि इनके अलावा, सभी धर्मों के आध्यात्मिक नेताओं को आमंत्रित करने का विचार है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करते हुए कार्यक्रम में सीमित संख्या में (लगभग 200) लोगों को बुलाया जाएगा. सूची को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. मिश्रा ने बताया कि मंदिर आंदोलन का हिस्सा रहे कई लोगों को आमंत्रण दिया जा रहा है, जिनमें भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती शामिल हैं.
सभी प्रमुख पूजास्थलों से मिट्टी जुटाई जा रहीमंदिर के एक अन्य ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने बताया कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी को भी विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार के साथ कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर की आधारशिला रखने के लिए अयोध्या आने की संभावना है. चौपाल ने कहा कि भूमि पूजन के लिए गुरुद्वारों, बौद्ध और जैन मंदिरों सहित सभी प्रमुख पूजास्थलों से मिट्टी एकत्र की जा रही है.
रामभक्तों से अपील
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम होगा. उन्होंने कहा कि दूरदर्शन और अन्य चैनलों द्वारा इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा.
उन्होंने भगवान राम के भक्तों से अपील की कि वे अयोध्या आने के बजाय निकटवर्ती मंदिरों या अपने-अपने घरों में इस मौके पर उत्सव मनाएं.
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