[ad_1]
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर पर अपना विजन स्पष्ट करते हुए कहा कि 1000 साल तक सृष्टि के आंधी तूफान सहने के बाद भी राम मंदिर पूरी तरह सुरक्षित होगा.
70 एकड़ जमीन पर होगा नक्शा पास
राम मंदिर के लिए विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराया जाएगा, लेकिन यह नक्शा राम मंदिर की भूमि भर का नहीं होगा बल्कि कुल 70 एकड़ जमीन को ध्यान में रखकर नक्शा पास कराया जाएगा. यह बाद में तय होगा कि कौन सा स्ट्रक्चर कहां बनाया जाएगा. इसके लिए जो शुल्क का निर्धारण होगा उसे भुगतान किया जाएगा और कोई छूट नहीं ली जाएगी. ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने यह भी साफ कर दिया है कि जब उन्होंने ट्रस्ट की जिम्मेदारी संभाली थी तब 12 करोड़ रुपए थे और लगभग 30 करोड़ रुपए चंदे के रूप में आए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे संकट काल में भी चारों तरफ की आलोचनाओं को सहन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यहां आने का निर्णय लिया. अंत तक बताया नहीं. तैयारियां चलने लगी प्रशासन के पास मौखिक सूचनाएं आने लगी और अंत में वह आए और उन्होंने अपने माता-पिता और अपने पूर्व जन्मों के संस्कार को अपने व्यवहार में प्रकट किया. पूर्व जन्म और अपने माता-पिता द्वारा दिए गए संस्कारों को अपने व्यवहार में प्रकट किया. जब भगवान को साष्टांग प्रणाम किया यह बिना माता-पिता के संस्कारों और पूर्व जन्म की तपस्या के नहीं हो सकता. धोती कुर्ता वे पहनते ही हैं लेकिन एक इतने ऊंचे स्थान पर बैठकर इतनी विनम्रता मंच पर आने के बाद संतों के सम्मुख विनम्रता इसका हम तब अभिनंदन करते हैं.
ये भी पढ़ें: राजस्थान के CS-DGP संसद की विशेषाधिकार हनन समिति के सामने होंगे पेश, जानें क्या है मामलाये भी पढ़ें: केदारनाथ आपदा: लापता लोगों को खोजने हाईकोर्ट ने बनाई कमेटी, 2 महीने में देनी होगी रिपोर्ट
उच्च तकनीक का होगा इस्तेमाल
चंपत राय ने बताया कि आगे की प्रक्रिया अब शुरू होगी. मंदिर निर्माण में अब तकनीकी काम है. हमारी सोच है यह मंदिर 1000 सालों तक आंधी तूफान सहता रहे तो इसलिए उतनी तकनीक का इस्तेमाल होगा. नींव की ड्राइंग लगभग तैयार हो गई है जितनी मेरी जानकारी है. नीव जमीन के नीचे वैसे ही जाएगी जैसे नदियों मेंं पुल खड़े होते हैं और खंभे नीचे गलाए जाते हैं. नदियों के अंदर जो खंभे गलाए जाते हैं उसमें लोहा पड़ता है यहां लोहा नहीं होगा.
[ad_2]
Source