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इस बार नदी (River) का जलस्तर बढ़ने पर बांध नहीं टूटेगा पर उनकी करनी और कथनी में भारी अंतर दिखाई देता है, जैसे ही नदी का जलस्तर बढ़ता है.
उस तरह की तैयारियां नहीं की और अब जब नदी का जलस्तर बढ़ा तो बाढ़ खंड के अधिकारी भगवान की शरण में चले गये हैं. राप्ती नदी के बरही तटबंध पर पूजा करने वाले गंडक विभाग के मुख्य अभियंता आलोक जैन का कहना है कि नदियां हमारी जीवन दायनी है. नदियों के प्रति हम अपनी आस्था प्रकट करते हैं साथ ही ये संदेश देने भी जनमानस को दिया जाता है कि लोग नदियों की सुरक्षा करें.
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नदियों के पुनर्जीवन के बारे में सोंचे उसको प्रदूषित न करें. साथ ही कहा कि आवश्यक संसाधनों से सभी बंधों की मरम्मत की गयी है. नदी के तट पर पूजा करने पर कहा कि पूजा पाठ अपनी जगह है पर हम लोगों ने बांध के मरम्मत का काम किया है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हर साल सिंचाई विभाग के अधिकारी ये दावा करते हैं कि बांधों की मरम्मत कर ली गयी है.ये भी पढे़ं- मुरादाबाद: कोर्ट में पेशी के दौरान बाल-बाल बचे सपा सांसद आजम खान, बेटे अब्दुल्ला ने दिया सहारा
इस बार नदी का जलस्तर बढ़ने पर बांध नहीं टूटेगा पर उनकी करनी और कथनी में भारी अंतर दिखाई देता है, जैसे ही नदी का जलस्तर बढ़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि जब जुलाई के महीने में नदियां अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं और बंधे के हाल ये हैं तो अगस्त माह में क्या होगा.
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