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मंगलवार को एक निजी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में चित्रकूट (Chitrakoot) के खदानों में ठेकेदारों व बिचौलियों के द्वारा गरीब लड़कियों के यौन शोषण का मामला उजागर किया गया था.
बता दें कि खदानों में यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद डीएम शेषमणि पांडे (DM Sheshmani Pandey) ने पूरे मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए थे. साथ ही कहा था कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. चित्रकूट के जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने ट्वीट कर कहा था, ‘अभी-अभी मैंने चैनल पर प्रसारित विशेष रिपोर्ट को देखा, वर्णित घटना क्रम की गहन जांच करने के लिए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश कर दिए हैं, इस निंदनीय कृत्य मे जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी तथा किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.’
अनियोजित लॉकडाउन में भूख से मरता परिवार…
इन बच्चियों ने ज़िंदा रहने की ये भयावह क़ीमत चुकाई है।
क्या ये ही हमारे सपनों का भारत है?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 9, 2020
मजदूरी के नाम पर यौन शोषण
दरअसल मंगलवार को एक निजी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में चित्रकूट के खदानों में ठेकेदारों व बिचौलियों द्वारा गरीब लड़कियों के यौन शोषण का मामला उजागर किया गया था. रिपोर्ट में दिखाया गया था कि लड़कियों को मजदूरी के लिए यौन शोषण का शिकार होना पड़ता है. ठेकेदार और बिचौलिए इन लड़कियों को मजदूरी नहीं देते. मजदूरी पाने के लिए इन्हें अपने जिस्म का सौदा करना पड़ता है. इनकार करने पर मजदूरी नहीं मिलती.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने भी की कार्रवाई की मांग
दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ सरकार से मामले में तुरंत सख्त कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने लिखा, “उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में 10 से 18 साल की बच्चियों के साथ खदानों में काम के बहाने दरिंदगी की जा रही है. ऐसा कैसे हो सकता है कि इन नन्ही बच्चियों को इस तरह नोचा जा रहा है और प्रशासन को भनक तक नहीं है? बेहद शर्मनाक! योगी आदित्यनाथ जी, तुरंत सख़्त ऐक्शन करवाएं!”
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