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2018 में हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्य में नदी की भूमि पर कोई भी नया निर्माण, डूब क्षेत्र का आवंटन नहीं हो सकता. हाईकोर्ट ने सरकार और देहरादून डीएम से मामले पर जवाब मांगा है.
क्या है मामला
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पवन कुमार की याचिका पर 10 अगस्त 2018 को आदेश दिया था कि राज्य में नदी की भूमि पर कोई भी नया निर्माण नहीं किया जा सकता, इसके लिए नदी के डूब क्षेत्र का आवंटन तो हो ही नहीं सकता. हाईकोर्ट ने अपनने आदेश में यह भी कहा था कि पहले हुए नदी भूमि के आवंटनों की राजस्व सचिव की निगरानी में जांच होगी. इसके बाद उन्हें भी निरस्त किया जाएगा.
इस आदेश का पालन न होने पर अब देहरादून के अधिवक्ता महेश कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर डोईवाला में सुसवा नदी के डूब क्षेत्र में बनाए जा रहे SSB हेडक्वाटर निर्माण को चुनौती दी है.सरकार के सामने चुनौती
दरअसल हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार को सभी डूब क्षेत्र में या तो अनुमति नहीं देनी है या फिर सचिव राजस्व की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पट्टों को निरस्त किया जाना है. साल 2011 और 2012 में 20 हैक्टेयर भूमि पर मुख्यालय निर्माण की अनुमति मिली थी लेकिन यह आवंटन भी पवन कुमार की याचिका पर आए फैसले से प्रभावित हुआ है.
हालांकि उत्तराखंड सरकार कोर्ट में कह चुकी है कि वह आदेश का पालन करवा रही है जिसके लिए और समय चाहिए. इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को और समय दिया है.
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