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कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल में लगे डॉक्टर मोहम्मद राशिद सभी मरीजों को परिवार की तरह से देखभाल करते हैं. eight घंटे की ड्यूटी वह 12-14 घंटे तक करते हैं. उनको यह भी याद नहीं कि वह कब घर गए थे.
क्यो संतुष्ट हैं मरीज?
कोविड अस्पताल राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में भर्ती विभव शर्मा, रितेश बाजपेई और इनकी तरह तमाम अन्य कोरोना संक्रमित मरीओं से बात करने पर मालूम हुआ कि यहां का रखरखाव, खान-पान, साफ-सफाई से लेकर दिन में चार बार पूरे अस्पताल को सेनेटाइज करना, साथ ही दो टाइम बेहतरीन नाश्ते के साथ बढ़िया भोजन की सुविधा उपलब्ध है. यही नहीं काढ़ें के साथ साथ गर्म पानी पीने के लिए इलेक्ट्रिक केतली सभी मरीजों को उपलब्ध कराई गई है.
क्या कहते हैं यहां के डॉक्टर?कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल में लगे डॉक्टर मोहम्मद राशिद सभी मरीजों को परिवार की तरह से देखभाल करते हैं. eight घंटे की ड्यूटी वह 12-14 घंटे तक करते हैं. उनको यह भी याद नहीं कि वह कब घर गए थे. बीवी-बच्चों को अपनी सुसराल में छोड़ दिया है. फोन ही से बात कर संतुष्ट हो जाते हैं. इस काम को वह समाज सेवा बताते हैं.
जिलाधिकारी रखते हैं नज़र
ज़िले के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव की नज़र चौबीस घंटे कोरोना संक्रमित मरीजों पर रहती है. दिन में कई कई बार फोन पर वहां की सुविधाओं के बारे में जानकारी लेना समय मिलने पर खुद कोविड अस्पताल जाकर मुआयना करना, उन्होंने अपनी आदत में शुमार कर लिया है. जिले में कोविड-19 की दस्तक के बाद से ही जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने जी-जान से मेहनत की. वही मेहनत आज भी काम आ रही है. जिसका नतीजा यह है कि मरीजों को शायद उत्तर प्रदेश में सबसे अच्छा ट्रीटमेंट पीलीभीत में ही मिल रहा है. बता दें कि जिला पीलीभीत को कोरोना संक्रमण से बेहतर ढ़ंग से लड़ने के कारण सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी तारीफ कर चुके है.
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