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एक कार्यक्रम में तोमर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 86 केवीके हैं, जो अच्छा काम कर रहे हैं. यहां 20 नए केवीके खोले जाने को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 17 खोले जा चुके हैं. शेष तीन भी जल्द ही खुल जाएंगे. मुरादाबाद में भी एक केवीके खोला जाएगा.
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देश भर में इस समय 720 केवीके हैं. इसी तरह 151 क्लाइमेट स्मार्ट विलेज बनाए गए हैं, जो विभिन्न परिस्थितियों के लिए तकनीकी मॉडल प्रस्तुत कर रहे हैं. केवीके द्वारा हर साल लगभग 15 लाख किसानों व युवाओं को खेती-किसानी (Farming) से जुड़ा प्रशिक्षण देने का काम भी किया जा रहा है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (File Photo)
दाम पर क्या बोले कृषि मंत्री
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार किसानों को उनकी फसल के सही दाम की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. दो नए अध्यादेशों के कार्यान्वयन और कृषि क्षेत्र में अन्य कानूनी प्रावधानों के साथ किसान अब देश में किसी भी जगह पर लाभकारी मूल्य पर अपनी फसल की बिक्री कर सकते हैं. इस पर सभी तरह की बंदिशें खत्म हो गई हैं.
उन्होंने कहा, मूल्य आश्वासन पर किसान (सशक्तिकरण एवं सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश-2020 से कृषि उपज की खरीद पर व्यापारियों से समझौते के साथ ही किसानों के लिए उनकी उत्पादन लागत पर गारंटीड रिटर्न भी सुनिश्चित होगा.
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तोमर ने कहा, किसानों (Farmers) की बदौलत भारत खाद्यान्न उत्पादन के मामले में न सिर्फ आत्मनिर्भर है, बल्कि अतिरिक्त उत्पादन भी कर रहा है. देश में 86 प्रतिशत लघु और सीमांत किसान हैं, जिनकी सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों और सुविधाओं तक पहुंच होनी चाहिए. इस काम में केवीके और उसके वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि, क्षेत्र की जलवायु (Climate) के अनुरूप फसलों के विकास में भी केवीके को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए.
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