[ad_1]

फरीद शम्सी

मुरादाबाद. उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) द्वारा करोड़ों रूपये ख़र्च कर बनाया गया डियर पार्क (Deer Park) आज देखभाल न होने की वजह से बदहाल है. पार्क में लगाए झूले में लगा समान गायब है, वहीं नौकायन के लिए बनाई गई झील सूखी पड़ी है. अव्यवस्था का आलम ये है कि पार्क में चंद बाक़ी बचे वन्यजीवों को पार्क की तरफ़ से खाने को भी कुछ नहीं दिया जा रहा है. पार्क के आसपास रहने वाले लोग ही कभी घास तो कभी बिस्किट लाकर वन्यजीवों को खिला रहे हैं. पार्क में बचे भूखे वन्यजीवों को न्यूज़ 18 संवाददाता फ़रीद शम्सी ने भी कवरेज के दौरान वन्यजीवों को घास व बिस्किट खिलाए.

रामपुर रोड पर स्थित है ये डियर पार्क

सालों पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने करोड़ों रूपये ख़र्च कर मुरादाबाद के रामपुर रोड पर रामगंगा नदी किनारे डियर पार्क का निर्माण कराया था. इस पार्क में काफ़ी झूले भी लगाने के साथ ही रेस्टोरेंट भी बनाये गए थे. नौकायन के लिये एक बड़ी झील का निर्माण भी कराया गया था. इस पार्क में वन्यजीवों को भी बाड़े में लाया गया था.कभी तरह-तरह के जानवर यहां रखे गए थे, फिर…

पार्क में हिरण, ज़ेब्रा, बारासिंघा, ऊदबिलाव, मगरमच्छ, सारस, खरगोश सहित और भी काफी वन्यजीव थे लेकिन धीरे-धीरे पार्क में बजट की कमी आने लगी. जिसके बाद पार्क में देखभाल कम होने लगी. आज पार्क में सिर्फ़ दीवारों पर बने चित्र में ही वन्यजीव तंदरुस्त नज़र आ रहे हैं. पार्क के बाड़े में बचे चंद वन्यजीव खाना न मिलने की वजह से काफ़ी कमज़ोर हो रहे हैं. उनके शरीर पर वक़्त पर पूरा खाना न मिलने के निशान साफ नज़र आ रहे हैं.

कोई कर्मचारी तक नहीं है पार्क में

पार्क में बनाई गई झील सूख चुकी है, नाव ग़ायब हो गई हैं. बताते हैं कि मगरमच्छ बाढ़ का पानी आने से कहीं चला गया. अन्य वन्यजीव या तो मर गये या फ़िर भाग गए. आज पार्क में कोई कर्मचारी भी मौजूद नहीं है.

आसपास के लोग बने जानवरों का सहारा

जो पार्क हुआ करता था, वो अब झाड़ भरा जंगल बन चुका है. आसपास के लोग ही पार्क में बंद बचे वन्यजीवों को कुछ न कुछ खिला देतें हैं. जैसे-तैसे पार्क में बंद वन्यजीव अपने दिन गुज़ार रहे हैं. न्यूज़ 18 की टीम देखकर पार्क में अचानक पहुंचे एक व्यक्ति ने एक बज़ुर्ग महिला को अपने साथ लेकर कुछ घास व पेड़ के पत्तों को लाकर खानापूर्ति के नाम पर लाकर डाल दिए.

वन्यजीवों को किसी सेंचुरी में शिफ्ट किया जाएगा: पार्क प्रशासन के अधिकारी

वहीं इस मामले में पार्क प्रशासन के अधिकारी कन्हैया पटेल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के कारण वन्यजीवों को किसी सेंचुरी में शिफ़्ट कर दिया जाएगा, लेकिन वो वन्यजीवों के भूखे रहने व पार्क की बदहाली पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.



[ad_2]

Source