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सड़क से सेंटर तक पहुंचने में छूट जाते हैं पसीने.
सुपौल जिले का कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) भी इन दिनों बदहाली से जूझ रहा है. यही नहीं, कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को खुद अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है.
सड़क से सेंटर तक पहुंचने में छूट जाते हैं पसीने
सुपौल के नगर पंचायत के वार्ड-12 स्थित पब्लिक रेस्ट हॉउस में बने कोविड केयर सेंटर की स्थिति काफी दयनीय है. बीते दिनों लगातार हुई बारिश के कारण इस परिसर तक पहुंचना भी कठिन हो गया है. इसके रास्ते में घुटनेभर पानी जमा है, जिसके कारण डॉक्टर या नर्स के लिए यहां तक पहुंचना मुश्किल है. यहां तैनात डॉक्टर या नर्स को मुख्य सड़क से अंदर तक पहुंचने में पसीने छूट जाते हैं. हालात को देखकर यहां तैनात डॉ. अमरेंद्र कुमार ने कोविड केयर सेंटर पहुंचने के लिए ठेले का इंतजाम किया. आजकल वे इसी से सेंटर पर पहुंचकर मरीजों का इलाज करते हैं.
डॉक्टर ने कही ये बात
डॉ. अमरेंद्र कुमार ने बताया कि दो-तीन दिनों से परिसर में घुटनेभर से अधिक पानी जमा है. बरसात का मौसम है, पानी के जल्दी निकलने की उम्मीद नहीं, ऐसे में अंदर जाना मुश्किल हो गया है. कोविड केयर सेंटर पर तैनात पुरुष कर्मचारी तो किसी तरह चले भी जाते हैं, नर्सों या महिला कर्मियों का जाना और भी कठिन है. इसलिए हम लोगों ने ठेले का इंतजाम किया. हम लोग ठेले पर ही परिसर में जमा पानी को पार कर अंदर जाते हैं. डॉ. अमरेंद्र कुमार ने बताया कि कोविड केयर सेंटर में फिलहाल कोरोना वायरस से संक्रमित दो मरीज हैं.
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