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यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि बुधवार को फरीदाबाद (Faridabad) में गिरफ्तार हुए विकास दुबे (Vikas Dubey) के खास गुर्गे प्रभात मिश्रा (Prabhat Mishra) को आज एसटीएफ (STF) ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया. एसटीएफ उसे ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ला रही थी.
दरअसल, जिस तरह से विकास दुबे के एक के बाद एक पांच गुर्गों का सफाया पुलिस ने किया. उसके बाद से ही विकास दुबे को खुद के भी एनकाउंटर का खतरा था. लिहाजा उसने बड़े ही शातिर तरीके से उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी दी. अब यूपी पुलिस की पांच टीमें उसे लेने के लिए रवाना हो चुकी हैं.
गिरफ़्तारी के बाद यह है कानूनी तरीका
गिरफ्तारी के बाद जल्द ही मध्य प्रदेश की पुलिस उज्जैन की अदालत में विकास दुबे को पेश करेगी. इसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर यूपी पुलिस को सौंपा जाएगा. यूपी पुलिस उज्जैन से विकास दुबे को लेकर कानपुर आएगी. कानपुर पहुंचने के बाद उसे फिर से अदालत में पेश किया जाएगा. अदालत में पेशी के समय पुलिस अदालत से विकास दुबे के रिमांड की मांग करेगी, क्योंकि विकास दुबे से इस मामले में बहुत कुछ जानकारियां पुलिस को हासिल करनी है. कोर्ट के ऊपर यह निर्भर होगा कि वह विकास दुबे की पुलिस कस्टडी देती है या फिर उसे जेल भेजने का आदेश देती है. हालांकि जानकारों का मानना है इतनी बड़ी घटना के आरोपी से पूछताछ की पुलिस की मांग अदालत मान लेगी और उसे पुलिस कस्टडी में पूछताछ के लिए सौंपा जा सकता है. क्या होता है ट्रांजिट रिमांड?
नैनीताल हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट एचएन पाठक ने ट्रांजिट रिमांड को सरल भाषा में समझाया. कानून के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर उसे अदालत के सामने पेश करना होता है. एक राज्य से दूसरे राज्य में किसी अपराधी को ले जाने के लिए जहां से अपराधी की गिरफ्तारी हुई है वहां की अदालत से दूसरे राज्य की पुलिस को ट्रांजिट रिमांड लेना होता है. इसी रिमांड के आधार पर पुलिस उसे गिरफ्तारी की जगह से उस जगह लेकर पहुंचती है, जहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है. उम्मीद है कि आज रात या कल सुबह तक उत्तर प्रदेश की पुलिस विकास दुबे को उज्जैन से लेकर कानपुर पहुंच जाएगी और उसे अदालत में पेश करेगी.
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