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दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve) के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि यह लाल रंग का सांप है, जो रेड कोरल कुकरी के नाम से जाना जाता है. यह सांप बहुत ही दुर्लभ किस्म का सांप है.

लखीमपुर खीरी. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले में भारत-नेपाल सीमा (Indo Nepal Border) के तराई में 1084 वर्ग किलोमीटर में फैले दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve) में दुर्लभ वन्य जीव रहते हैं. यहां बाघ, हिरण, भालू जैसे न जाने कितने जीव जंतु विचरण करते हैं. जानकारों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक में बदलाव आया है, जिससे अब दुधवा टाइगर रिजर्व में विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे वन्यजीव एक बार फिर सामने आते दिखाई दे रहे हैं. इन्हीं में से एक विलुप्त रेड कोरल सांप भी है, जिसे 82 साल बाद दुधवा में देखा जा रहा है. वन अधिकारी से लेकर कर्मचारी सांप को लेकर काफी उत्साहित हैं.

1936 के बाद से दिखना बंद हो गया था

दरअसल दुधवा के जंगलों में विलुप्त हो चुका दुर्लभ सांप रेड कोरल कुकरी, कभी दुधवा के जंगलों में सन् 1936 से पहले लगातार देखा जाता था. लेकिन उसके बाद यह दिखना बंद हो गया. जिसके बाद प्रकृति में हुए बदलाव में एक बार फिर यह दुर्लभ सांप दो साल पहले 2018 में दिखाई दिया. अब ये फिर दिखाई देने लगा है. इसे लेकर पार्क प्रशासन में काफी खुशी का माहौल देखा जा रहा है. वही वन्यजीव प्रेमियों में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.

कर्मचारी के घर में बैठा दिखाई दियादरअलस, दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में लगातार हो रही बारिश के बाद एक कर्मचारी के घर के अंदर दुर्लभ रेड कोरल कुकरी सांप बैठा दिखाई दिया. मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने इसका वीडियो बना लिया और इसकी जानकारी अधिकारियों को दी. मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने सांप को घने जंगलों में छुड़वा दिया.

खुखरी जैसे दांत पर पड़ा नाम कुकरी

दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि यह लाल रंग का सांप है, जो रेड कोरल कुकरी के नाम से जाना जाता है. यह सांप बहुत ही दुर्लभ किस्म का सांप है. इसका नाम कुकरी इसलिए पड़ा क्योंकि हमारे पड़ोसी देश नेपाल के एक हथियार खुखरी के जैसे ही इसके दांत हैं. यह सांप जहरीला भी नहीं है और यह किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है.



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