[ad_1]
लखनऊ (Lucknow) के कृष्णा नगर इलाके से पुलिस ने दबोचा, साथ में विकास दुबे (Vikas Dubey) का नौकर भी गिरफ्तार
पुलिस वालों को जलाने की थी साजिश
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अपने कबूलनामे में विकास दुबे ने बताया कि कानपुर की घटना के बाद उसके घर के ठीक बगल में कुएं के पास 5 पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था, जिससे उनमें आग लगा कर सबूत नष्ट कर दिए जाए. आग लगाने के लिए घर में गैलनों में तेल रखा गया था. एक 50 लीटर के गैलन में तेल से जलाने का इरादा था. लेकिन लाशें इकट्टठा करने के बाद उसे मौक़ा नहीं मिला और वह फ़रार हो गया.
ये भी पढ़ें: गैंगस्टर विकास दुबे को लेकर मध्य प्रदेश से रवाना हुई UP पुलिस, उज्जैन से मिला हैंडओवर
कबूलनामे में बोला विकास दुबे!
वहीं, विकास दुबे ने शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बारे में कहा, देवेंद्र मिश्र से नहीं बनती थी. कई बार वो मुझसे देख लेने की धमकी दे चुके थे. पहले भी बहस हो चुकी थी. विनय तिवारी ने भी बताया था कि सीओ तुम्हारे खिलाफ है. लिहाजा मुझे सीओ पर ग़ुस्सा था. सीओ को सामने के मकान में मारा गया था. मैंने नहीं मारा सीओ को लेकिन मेरे साथ के आदमियों ने दूसरी तरफ़ के आहाते से कूदकर मामा के मकान के आंगन में मारा था. पैर पर भी वार किया था क्योंकि मुझे पता चला था कि वो बोलता है कि विकास का एक पैर गड़बड़ है. दूसरा भी सही कर दूंगा. सीओ का गला नहीं काटा था. गोली पास से सिर में मारी गयी थी, इसलिए आधा चेहरा फट गया था.
[ad_2]
Source