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दो दिन के लॉकडाउन में स्वच्छता का रखें ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े जनपदों की प्रभावी निगरानी की जाए. जनपदों के नोडल अधिकारी कोविड-19 के लिए जनपद में गठित टीम, जिसमें जिलाधिकारी, सीएमओ सहित अन्य अधिकारी मौजूद हैं, से निरन्तर संवाद करें. अधिक संक्रमण वाले जनपदों में स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का कार्य प्रभावी ढंग से किया जाए. राज्य सरकार द्वारा बाजारों की बंदी शनिवार व रविवार को निर्धारित की गई है. इसका कड़ाई से अनुपालन हो साथ ही, इन 2 दिनों में स्वच्छता और सैनिटाइजेशन के कार्य प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किए जाएं.
मास्क न पहनने वाले हर शख्स पर ठोकें जुर्मानामुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में मास्क का उपयोग तथा सोशल डिस्टेन्सिंग की प्रभावी भूमिका है. इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. जो न मानें, उनसे 500 रुपए जुर्माने की वसूलें.
ये विशेषज्ञ बनाएंगे रणनीति
मुख्यमंत्री ने वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव की स्थिति से निपटने के लिए पीजीआई, केजीएमयू, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशकों/वरिष्ठ डॉक्टरां की एक टीम गठित करने के निर्देश दिए, जो इस सम्बन्ध में प्रभावी रणनीति बनाएगी. उन्होंने रैपिड एन्टीजन टेस्ट किट्स ज्यादा संख्या में मंगाकर सभी जनपदों में भेजने के निर्देश दिए. साथ ही, अन्य तरीकों से भी टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है, वहां रैपिड एन्टीजन टेस्ट किट्स ज्यादा संख्या में भेजी जाएं, ताकि टेस्टिंग की संख्या बढ़ायी जा सके.
मृत्युदर को कम किया जा सकता है
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 को रोकने के लिए आवश्यक कदम, जिनमें सोशल डिस्टेन्सिंग, मास्क लगाना, सैनिटाइजेशन, स्वच्छता का ध्यान रखना शामिल है, के माध्यम से इस संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है और इससे मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है. संक्रमित व्यक्ति की पहचान त्वरित गति से करना तथा उसे सम्बन्धित कोविड अस्पताल पहुंचाकर उसका आवश्यक इलाज करवाने से भी मृत्यु दर में काफी कमी लायी जा सकती है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए स्क्रीनिंग, सर्विलांस और व्यापक टेस्टिंग बेहद कारगर साबित हो सकते हैं.
80 प्रतिशत मरीज एसिम्पटोमैटिक या माइल्ड
इससे पहले प्रेजेंटेशन के दौरान केजीएमयू के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि इस समय बारिश की वजह से वायु में नमी आ बढ़ गई है, जिसके कारण यह संक्रमण बढ़ रहा है. इससे निपटने के लिए सभी को मास्क लगाना और सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन करना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के 80 प्रतिशत मरीज एसिम्पटोमैटिक या माइल्ड हैं, जबकि 15 प्रतिशत मरीज मॉडरेट हैं. इसके अलावा, 5 प्रतिशत मरीज ही सीवियर/क्रिटिकल हैं.
इससे बचने के लिए एसिम्पटोमैटिक या माइल्ड मरीजों का होम आइसोलेशन किया जाना चाहिए. इस दौरान बुजुर्गों व बच्चों को आइसोलेट किए गए व्यक्ति से अलग रखना चाहिए. यदि ऐसे मरीज की अंतिम रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो भी उसे 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रखना चाहिए. कोविड-19 के लक्षणों वाले लोगों की सूचना स्वास्थ्य केन्द्रों पर यथाशीघ्र दी जानी चाहिए. प्रस्तुतीकरण के दौरान लखनऊ एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो आरके धीमान ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
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