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पूर्व सांसद (Pappu Yadav) ने कहा कि वर्चुअल और डिजिटल रैली से जनता को कोई फायदा नहीं है. अभी जनता को चुनाव (Election) की नहीं, बल्कि मास्क (Mask) और सेनिटाइजर की जरूरत है.
पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल में आईसीयू बेड, वेंटिलेटर और दवा नहीं हैं. डिप्टी सेक्रटरी की मौत बेड नहीं मिलने के कारण हो गई. ऐसी महामारी में सत्ता पक्ष के नेता कहाँ हैं? मुख्यमंत्री की खोज के लिए लोग ट्विटर पर ट्रेंड करवा रहे हैं. विधायक, सांसद सभी गायब हैं.
‘पुल और बांध टूटने के मामलों की हो जांच’
उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गंडक, कोसी, गंगा नदी का दौरा कर स्थिति की पड़ताल करनी चाहिए. और जनता को राहत पहुंचाने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए. भ्रष्ट नेता और अधिकारी बाढ़ को दुधारू गाय समझते हैं. राज्य में जितने पुल और बांध टूटे हैं, उनकी जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के द्वारा होनी चाहिए. साथ ही उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव समेत भाजपा के सभी नेताओं के आय की जांच होनी चाहिए.‘जनता को चुनाव की नहीं मास्क की जरूरत’
पूर्व सांसद ने कहा कि वर्चुअल और डिजिटल रैली से जनता को कोई फायदा नहीं है. अभी जनता को चुनाव की जरूरत नहीं है. जनता को मास्क और सैनिटाइजर की जरूरत है, जिससे की कोरोना वायरस महामारी से बचा जा सके. सरकार दावा कर रही है कि कोरोना काल में 8434 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. लेकिन जनता को कोई लाभ नहीं मिला है. मैं इसकी सीबीआई जांच के लिए कोर्ट जाउंगा. (रिपोर्ट- धर्मेन्द्र कुमार)
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