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महाराजगंज (Maharajganj) में जून से जुलाई तक सर्वाधिक 400 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है. 2017 में रोहिन नदी ने महाराजगंज में बड़ी तबाही मचाई थी. एक बार फिर त्रिमुहानी पर रोहिन नदी खतरा प्वाइंट से ऊपर होकर बढ़त पर है.
महाराजगंज जनपद में कुल 6 नदियां नेपाल से निकलती हैं. नेपाल में भारी बारिश और चेतावनी के बीच भारत नेपाल के सीमाई इलाके में चंदन नदी के उफनाने और महाव नाला के तटबंध टूटने से दर्जन भर गाव प्रभावित हुए हैं. इन गांवों के करीब हजारों एकड़ फसल प्रभावित हुई हैं.
रोहिन नदी उफान पर
महाराजगंज में जून से जुलाई तक सर्वाधिक 400 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है. इसके अलावा गंडक नदी से आज करीब three लाख 90 हजार क्युसेक पानी का डिस्चार्ज किया जा चुका है. 2017 में रोहिन नदी ने महाराजगंज में बड़ी तबाही मचाई थी. एक बार फिर त्रिमुहानी पर रोहिन नदी खतरा प्वाइंट से ऊपर होकर बढ़त पर है.कोरोना काल में बांधों की मरम्मत नहीं हुई
उधर सिंचाई बिभाग जिले भर के सभी 22 बन्धों को मजबूत बताकर खतरे से इनकार कर रहा है. पता चला है कि कोरोना काल मे बन्धों की मरम्मत नहीं हो पाई. अब आनन-फानन में बन्धों पर मरम्मत किया जा रहा है. अगर जल स्तर और बढ़ गया तो बाढ़ की स्थिति भारी तबाही मचा सकती है क्योंकि अभी तक हजारों किसानों के अरमान पर पानी फिर चुका है.
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