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कोरोना (Coronavirus) के खिलाफ जंग में राज्य सरकार ने eight अप्रैल को मंत्रियों, विधायकों के वेतन, भत्तों में 30 फीसदी कटौती के साथ ही विधायक निधि को एक साल के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया था.
प्रतिमाह का 30 प्रतिशत कोविड केयर फंड में दिया जाएगा
इसके लिए अध्यादेश जारी किए गए थे जिसके बाद अब अलग विधेयक लाकर विधानमंडल के मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा. विधेयक में प्रावधान किया गया है कि मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों के प्रतिमाह वेतन (40 हजार), निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (50 हजार) तथा सचिवीय भत्ता (20 हजार) यानी कि कुल 1.10 लाख रुपए प्रतिमाह का 30 प्रतिशत कोविड केयर फंड में दिया जाएगा.
वहीं साल भर में मंत्रिमंडल के 56 सदस्यों के वेतन का लगभग 2.22 करोड़ रुपए कोविड केयर फंड में जाएगा. इसी तरह विधानसभा और विधान परिषद के 503 सदस्यों के प्रति माह वेतन (25 हजार), निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (50 हजार) तथा सचिवीय भत्ता (20 हजार) का 30 फीसदी कोविड फंड में जाएगा. इससे वर्ष भर में 15.28 करोड़ रुपये की कटौती करके कोरोना के खिलाफ जंग में दिया जाएगा. वेतन कटौती को कानूनी रूप देने के लिए विधानमंडल के 20 अगस्त से प्रस्तावित सत्र में विधेयक लाया जाएगा.बीजेपी एमएलसी पहले ही कर चुके हैं ऐलान
कोरोना के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री के आह्वान का असर उत्तर प्रदेश में भी पहले ही दिखने लगा है. हाल ही में बीजेपी के महामंत्री और एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने दो साल की विधायक निधि की पांच करोड़ की राशि मुख्यमंत्री को सौंपने का ऐलान किया है. बीजेपी नेता ने इसकी जानकारी ट्वीट कर के दी थी. वहीं न्यूज़ 18 से बातचीत में विजय बहादुर पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से प्रेरणा लेते हुए वे अपने वेतन में भी तीस फीसदी कटौती कराएंगे. इसके लिए वे सभापति विधानपरिषद को चिट्ठी लिखकर अनुरोध करेंगे.
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