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खुदकुशी (suicide) से पहले सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के खातों से वित्तीय धोखाधड़ी (monetary fraud) करने की बात सामने आई है.
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, यह मामला मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत आता है या नहीं, यह जानने के लिए इस मामले से जुड़े तमाम दस्तावेजों का अध्ययन करवाया जा रहा है. ईडी सूत्रों के अनुसार, चूंकि बिहार पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में धारा 120 B (अपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप ) दर्ज है, लिहाजा यह मामला आसानी से ईडी टेकओवर कर सकती है. वहीं, यह मामला मुंबई में दर्ज होगा या पटना में, इस बाबत ईडी के सूत्रों का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु मुंबई में हुई थी. सुशांत सिंह खुदकुशी मामले की जांच मुंबई पुलिस कर रही है और उनका बैंक एकाउंट भी मुंबई में है, लिहाजा प्रथम दृष्टया यह मामला ईडी की मुंबई ब्रांच का ही बनता है. वहीं, पटना स्थित ईडी की ब्रांच के पास एक विकल्प यह है कि महाराष्ट्र सरकार इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच नहीं कराना चाहती है, लेकिन बिहार में सुशांत के परिजनों द्वारा दर्ज शिकायत में कई बड़े और संगीन आरोप लगाए गए हैं, इसलिए बिहार स्थित ईडी ब्रांच के लिए ये मामला तफ्तीश करना आसान और सही भी साबित हो सकता है.
मायावती ने भी की सीबीआई से जांच कराने की मांग
आज 29 जुलाई को उतरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati ) ने भी ट्वीट कर कहा है कि यह मामला लगातार गहराता जा रहा है. अब, इस मामले की जांच सीबीआई से करवाना ही बेहतर होगा. मायावती ने एक संगीन आरोप लगाते हुए कही की सुशांत सिंह मामले में महाराष्ट्र और बिहार के कांग्रेसी नेताओं के अलग-अलग रवैये से ऐसा लगता है कि इनका असल मकसद इस प्रकरण की आड़ में पहले अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति करना है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना बाद में, जो कतई उचित नहीं है. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में गंभीर होने की सलाह भी दी है.सुशांत सिंह आत्महत्या मामला आखिर क्यों बनता जा रहा है राजनीतिक मुद्दा?
सुशांत सिंह राजपूत मामले की संदेहास्पद मौत मामले में अब कई तरह के सवाल उठना शुरू हो गए हैं. जिसमें सबसे बड़ा सवाल है कि जिस तरह से सुशांत की मौत हुई है, वह महज समान्य तौर पर आत्महत्या का मामला है या कोई बहुत बड़ी साजिश? इस मामले में जिस तरह मुंबई पुलिस लगातार बॉलीबुड से जुड़ी कई हस्तियों सहित कई लोगों से कई घंटों की पूछताछ कर रही है, उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जरूर इस मामले में मुंबई पुलिस को कुछ महत्वपुर्ण सुराग हाथ लगें हैं. अब एक और बड़ा सवाल उठ रहा है कि महाराष्ट्र सरकार कई बार छोटे-छोटे मामले की तफ्तीश सीबीआई से करवाने की अनुशंसा कर देती है, लेकिन इस मामले में कई आरोप लगने के बाबजूद सीबीआई को नहीं सौंपा जा रहा है.
वहीं, इन तमाम सवालों पर महाराष्ट्र सरकार ने साफ तौर पर कह दिया है की इस केस की जांच वह सीबीआई को नहीं करने देगी. आखिर ऐसा क्या मामला है कि महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख को मीडिया के सामने बयान देना पड़ रहा है कि इस मामले को सीबीआई को नहीं सौपेगी. इस मामले में अब राजनीतिक बयाबाजी भी शुरू हो गई है. इस मामले में पिछले कुछ दिनों से लगातार बिहार में कई राजनेता और वहां की पार्टी इस मुद्दे पर लगातार बयान दे रही है और इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रही है .
सुशांत के परिजनों द्वारा दर्ज शिकायत के प्वाइंट पर अगर ध्यान दें तो वो कई सवाल उठा रही है , जो प्रमुख आरोप इस प्रकार से हैं . —
- सुशांत सिंह की कथित तौर पर गर्लफ़्रेंड रिया चक्रवर्ती की भूमिका इस मामले मे कई सवाल खड़ा कर रही है, हालांकि रिया भी चाहती है की इस मामले की तफ्तीश का जिम्मा सीबीआई को सौंपा जाए .
- सुशांत के बैंक एकाउंट से एक साल के अंदर करीब 15 करोड़ रूपये निकाले गए , वो पैसे आखिर किसके बैंक एकाउंट में गए ?
- रिया चक्रवर्ती का आरोप है कि सुशांत को मानसिक तौर पर बिमार था, लेकिन परिजनों का कहना है कि यह आरोप बेबुनियाद है, अगर ये आरोप सही भी है तो उसके मेडिकल से जु़डे दस्तावेज कहां गए, उन दस्तावेजों को गायब क्यों किया गया या अपने साथ लेकर वो क्यों गई ?
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