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लाश की शिनाख्त करने के लिए पुलिस ने युवती के फोटो को आसपास के राज्यों और जिलों में पुलिस को भेजा था. 1500 से ज्यादा वाट्सअप ग्रुप (Whatsapp Group) , फेसबुक और ट्वीटर से जानकारी दी गई थी.
दरअसल, लाश की शिनाख्त करने के लिए पुलिस ने युवती के फोटो को आसपास के राज्यों और जिलों में पुलिस को भेजा था. 1500 से ज्यादा वाट्सअप ग्रुप, फेसबुक और ट्वीटर से जानकारी दी गई थी. इसके बाद दिल्ली में उत्तम नगर में रहने वाले मृतका के दूर के रिश्तेदार ने व्हाट्सअप मैसेज और फोटो देखकर उसकी पहचान की थी. इसके बाद उन्होंने मृतकों के परिजनों से संपर्क किया था. मृतका के परिजनों ने उस फोटो और शव की शिनाख्त वारिशा पुत्री जफर अली थाना हरदुआगंज (अलीगढ़) के रूप में की थी. वहीं, महिला का ससुराल बुलंदशहर स्थित इस्लामनगर मोहल्ले में होने की बात कही गई थी. जानकारी करने पर पता चला था कि लड़की के मायके वालों ने थाना कोतवाली नगर (बुलंदशहर) में 25 तारीख को दहेज मृत्यु के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. वारिशा की शिनाख्त के बाद शव को दफना दिया गया था और पुलिस ने आरोपी वारिशा के पति और ससुराल वालों पर दहेज व हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था.
उसने अलीगढ़ में एक पुलिस कांस्टेबल को सारी कहानी बताई है
लेकिन अब इस घटना के संबंध में बहुत ही चौंकाने वाली खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वारिशा जिंदा है. सोमवार को उसने अलीगढ़ में एक पुलिस कांस्टेबल को सारी कहानी बताई है. इसके बाद ही पुलिस को अहसास हुआ कि सूटकेस में बंद महिला का शव किसी और का था. वहीं, बुलंदशहर के एसएसपी ने कहा है कि गाजियाबाद पुलिस ने शव की तस्वीर को सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किया था. इसके बाद वारिशा के परिवार ने पुलिस से संपर्क किया और हमारे अधिकारियों के साथ वे गाजियाबाद गए और शव की पहचान की. परिवार वालों का कहना था कि वारिशा के पति और ससुराल वाले उसे आए दिन पीटते थे और दहेज के लिए परेशान करते थे. ऐसे में तंग आकर वह 23 जुलाई की दोपहर को अपने घर से भाग गई थी.महिला की पहचान की जांच करें
बुलंदशहर के सर्कल ऑफिसर दीक्षा सिंह ने कहा कि यह गाजियाबाद पुलिस के जांच अधिकारी पर निर्भर करेगा कि वह उस महिला की पहचान की जांच करें और उसका पता लगाएं. दीक्षा सिंह ने कहा कि शव की गलत पहचान करने के लिए हम वारिशा की मां और भाई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.
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