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उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि विधानसभा चुनाव की दहलीज पर कार्यकर्ताओं में मैसेज जाना चाहिए कि कांग्रेस (Congress) में अब गुटबाजी नहीं है.
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस में गुटबाज़ी और खेमेबाज़ी चरम पर है. माना जाता है कि इसी की वजह से 2017 में कांग्रेस मात्र 11 सीटों पर सिमट गई और लोकसभा के चुनावों में पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल पाई. शायद यही वजह है कि राजनीति के गलियारों से खबरें सामने निकल कर आती हैं कि उत्तराखंड कांग्रेस के चार बड़े नेता अलग-अलग गुट बनाकर बैठे हुए हैं और यह गुटबाज़ी कांग्रेस के लिए जानलेवा साबित हो रही है.
कांग्रेस को पंचायत चुनाव से लेकर निगमों के चुनावों तक में खासा नुकसान हुआ है और पार्टी एंटी-इनकमबेंसी का कोई फ़ायदा नहीं उठा पाई. माना जा रहा है कि अब कांग्रेस नेता जानते हैं कि अगर इस समय कांग्रेस एकजुट नहीं हुए तो शायद वर्ष 2022 के चुनाव से सत्ता पाने की कांग्रेस की आस पूरी नहीं हो पाएगी.
किशोर उपाध्याय का पत्र इस सबके बीच कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का एक पत्र चर्चा में है. इसमें उन्होंने लिखा है कि अगर कांग्रेस को दोबारा उत्तराखंड की सत्ता में वापसी करनी है और बीजेपी को हराना है तो ऐसे में चारों को सारे पुराने गिले-शिकवे और पुरानी बातों को छोड़कर एक साथ मंच पर आना होगा. चार बड़े नेता अर्थात पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और खुद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय.
उपाध्याय ने लिखा है, ‘हम विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े हैं और यह इसलिए ज़रूरी है ताकि कार्यकर्ताओं में एक मैसेज जाए कि कांग्रेस में अब गुटबाजी नहीं है. पार्टी एक है.’ उन्होंने राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सामंजस्य के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन के निर्णय की ओर भी प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते प्रीतम सिंह को उनका सहयोग व समर्थन है.
चिट्ठियां आती रहेंगी
इस पत्र की बात पर पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि किशोर उपाध्याय हमारे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हैं और ऐसे में उनके सुझाव और उनकी बातों पर अमल करना सभी का कर्तव्य है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जो जहां है, वहीं से कांग्रेस के मोर्चे को साधने का काम करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि हमारी चिट्ठियां भी आती रहेंगी और पोस्ट भी आती रहेंगी क्योंकि कांग्रेस एक गतिशील लोकतांत्रिक पार्टी है. यह शायद इसलिए भी कि क्योंकि हरीश रावत खुद भी सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं और फ़ेसबुक-ट्विटर के ज़रिए वह अपने मन की बात भी कहते हैं और राजनीतिक कार्यक्रमों के बारे में भी बताते हैं.
भाजपा की गुटबाज़ी पर चर्चा क्यों नहीं?
दूसरी ओर गुटबाज़ी के सवाल पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह कहते हैं कि कांग्रेस में कोई गुटबाज़ी नहीं है, कोई खेमेबाज़ी नहीं है. प्रीतम सिंह कहते हैं कि सभी को कांग्रेस की गुटबाजी दिखती है, लेकिन भाजपा में जो चल रहा है और भाजपा में जो गुटबाज़ी है, उसके बारे में कोई बात या कोई चर्चा नहीं की जा रही है. प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह दावा करते हैं कि कांग्रेस के कार्यकर्ता, नेता सब एकजुट हैं और 2022 के विधानसभा चुनावों को जीतेंगे और दोबारा से कांग्रेस इस प्रदेश में पुनर्स्थापित होगी.
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