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जिलाधिकारी का कहना है कि इस अभियान के बाद कोरोना से मौतों के आंकडे़ में भी कमी आई है. यहां अब तक 76 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 1504 कुल पॉजिटिव मरीज मिले हैं. 485 एक्टिव केस हैं और 943 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं.
जांच में पल्स पोलियो अभियान का रेकॉर्ड तोड़ा
जिलाधिकारी का कहना है कि इस अभियान में रिकॉर्ड घरों तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची है. यहां तक कि पल्स पोलियो अभियान के दौरान जितने घरों तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचती थी, उससे भी ज्यादा घरों तक कोरोना संदिग्धों की पहचान को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची है. यानि कोरोना संदिग्धों की पहचान को लेकर मेरठ ने पल्स पोलियो अभियान का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया. जिलाधिकारी का कहना है कि इस वृहद अभियान के बाद कोरोना से मौतों के आंकडे़ में भी कमी आई है. यहां अब तक 76 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो चुकी है. जबकि 1504 कुल पॉजिटिव मरीज मिले हैं. 485 एक्टिव केस हैं और 943 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं.
2 जुलाई से 12 जुलाई तक चला अभियानयहां 2 जुलाई से 12 जुलाई तक चलाए गए अभियान में ताबड़तोड़ 20 हजार से ज्यादा सैंपल जांच के लिए गए. इन सैपल्स की जांच में कुल 425 केस मिले हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है. आंकड़ों की बात करें तो चार महीने के दौरान जितने कुल टेस्ट किए गए हैं, उनमें से टेस्टिंग का सबसे बड़ा आंकड़ा इन्हीं दस दिनों का है. मेरठ प्रशासन ज्यादा जांच ज्यादा इलाज के फार्मूले पर काम कर रहा है, जिसकी सराहना हो रही है.
महज 10 दिन में 20 हजार से ज्यादा जांच
जिलाधिकारी का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर जहां पहले औसत चार प्रतिशत था वो अब घटकर डेढ़ से दो प्रतिशत आ गया है. कोरोना से मौत का आंकड़ा भी घटा है. आंकड़ों की बात करें तो four महीने में मेरठ जिले में कुल 30941 सैंपल की जांच हुई है. तो वहीं 20 हजार से ज्यादा लोगों की जांच मात्र दस दिन में ही कर ली गई है, जो कोरोना के खिलाफ जंग में एक बड़ी भूमिका अदा कर रहा है.
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