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एम्स के निदेशक डॉ पीके सिंह ने 18 साल से लेकर 55 साल तक के लोगों से अपील भी की है कि ट्रायल में भाग लेना चाहते हैं तो दिए गए मोबाइल नंबर 9471408832 पर संपर्क कर सकते हैं.
पटना एम्स में सभी तैयारी पूरी
अब पटना एम्स में भी सभी तैयारी पूरी कर ली गई है. ट्रायल को लेकर four दिनों पहले ही 5 सदस्यीय एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम का गठन भी किया गया है. अधीक्षक ने कहा कि ट्रायल की समयसीमा 6 माह होगी, तब जाकर फायनल रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी जाएगी. हालाकि आईसीएमआर ने निर्देश दिया था कि देश के सभी 12 अस्पतालों को ट्रायल के लिए 7 जुलाई तक मरीजों का चुनाव कर लेना है. जानकारों की मानें तो अब तक एथिक्स कमेटी की ओर से 6 अस्पतालों में ट्रायल की मंजूरी भी मिल गई है. हालांकि, कुछ अस्पतालों ने आईसीएमआर की ओर से दी गई ट्रायल की टाइमलाइन पर आपत्ति भी जताई है और समयसीमा फिक्स नहीं करने की अपील की है.
इन अस्पतालों में भी होना है ट्रायलजिन 6 अस्पतालों को ट्रायल के लिए अप्रूवल मिला है उनमें से चार – नागपुर का गिलुरकर मेडिकल हॉस्पिटल, बेलगाम का जीवन रेखा हॉस्पिटल, कानपुर का प्रखर हॉस्पिटल और गोरखपुर का राणा हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर हैं. यह सभी छोटे प्राइवेट अस्पताल हैं, जहां न तो रिसर्च सेंटर हैं और न ही यह किसी मेडिकल कॉलेज से ही अटैच हैं. बावजूद आईसीएमआर ने हरी झंडी दी है.
भारत बायोटेक कंपनी ने की है कोवैक्सिन की पहल
बताते चलें कि भारत बायोटेक कंपनी ने कोवैक्सिन की पहल की है और दावा भी किया है कि जल्द सफलता मिलेगी क्योंकि पहले भी भारत बॉयोटेक कंपनी ने अन्य बीमारियों का वैक्सीन बनाया है, जिसे दूसरे देशों में सप्लाई भी किया जाता रहा है. कंपनी ने पोलियो, रेबीज रोटावायरस और जिका वायरस, चिकनगुनिया, जापानी इनसेफ्लाइटिस, समेत अन्य बीमारियों का वैक्सीन भी तैयार किया है.
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