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साल 2000 से लेकर 2020 तक का वक्त तो यही बताता है. यह बात अलग है कि चौबेपुर पुलिस स्टेशन (Police Station) में उसके खिलाफ आने वाली शिकायतें रफा-दफा कर दी जाती थीं.
आखिरी बार 2017 में STF ने किया था गिरफ्तार
आख़िरी बार अक्टूबर 2017 में एसटीएफ ने विकास दुबे को लखनऊ में गिरफ्तार किया था. विकास ने कानपुर में वर्ष 2001 में भाजपा के तत्कालीन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की शिवली थाने के भीतर सनसनीखेज तरीके से हत्या की थी. कानपुर में एक अन्य हत्या के मामले में वांछित चल रहे विकास पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था. गिरफ़्तारी के वक्त लखनऊ के कृष्णानगर क्षेत्र में विकास अपनी बुआ के मकान में विकास छिपकर रह रहा था. विकास पूर्व में प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है. चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू निवासी विकास दुबे को कानपुर पुलिस ने 2017 में शिवराजपुर थाने में दर्ज कराए गए जानलेवा हमले सहित अन्य धाराओं के मुकदमे में भी तलाश कर रही थी.
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राज्यमंत्री ऐसे हुई थी विकास दुबे की रंजिश
वर्ष 1996 में कानुपर की चौबेपुर विधानसभा क्षेत्र से हरिकृष्ण श्रीवास्तव व संतोष शुक्ला चुनाव लड़े थे. इस चुनाव में हरिकृष्ण श्रीवास्तव विजयी घोषित हुए थे. विजय जुलूस निकाले जाने के दौरान दोनों प्रत्याशियों के बीच गंभीर विवाद हो गया था. जिसमें विकास दुबे का नाम भी आया था और उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था. यहीं से विकास की भाजपा नेता संतोष शुक्ला से रंजिश हो गई थी. इसी रंजिश के चलते 11 नवंबर 2001 को विकास ने कानपुर के थाना शिवली में संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
ज़मीन के लिए कर दी प्रिंसीपल की हत्या
इसके बाद वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था. इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है. वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपित है.
पंडित जी के गांव में सेना ही घुस सकती है पुलिस नहीं
विकास के खिलाफ 70 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. वर्ष 2013 में विकास को कानपुर पुलिस ने पकड़ा था. तब उस पर 50 हजार का इनाम था. बाद में हत्या व जानलेवा हमले के अन्य मामलों में उस पर 25 हजार का इनाम घोषित हु था. जानकारों के मुताबिक़ विकास कहता था कि उसके गाँव में सिर्फ़ सेना ही दाखिल हो सकती है. एक बार हरियाणा में भी एनकाउंटर की तैयारी थी, लेकिन एक बड़ा बसपा नेता उसे बचाकर ले आया था.
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