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eight पुलिकर्मियों की शहादत के बाद पुलिस ने मास्टरमाइंड विकास दुबे (Vikas Dubey) समेत उसके छह गुर्गों को एनकाउंटर में मार गिराया. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
मुठभेड़ में मारा गया विकास दुबे
बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया था. इस हमले में क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद विकास दुबे अपने गुर्गों के साथ फरार हो गया था. 9 जुलाई को ही उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से विकास दुबे को पकड़ लिया गया. उसे कानपुर पुलिस और एसटीएफ की टीम कानपुर ला रही थी, तभी गाड़ी पलट गई और विकास दुबे हथियार छीनकर भागने लगा. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे भी मारा गया है.
एसआईटी का गठनeight पुलिकर्मियों की शहादत के बाद पुलिस ने मास्टरमाइंड विकास दुबे समेत उसके छह गुर्गों को एनकाउंटर में मार गिराया. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. पुलिस ने पूरे मामले में 21 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है. हालांकि, विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल खड़े होने के बाद मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई है. साथ ही एक सदस्यीय जांच आयोग का भी गठन किया गया है, जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
एनकाउंटर पर खड़े किए गए थे कई सवाल
आपको बता दें पिछले दिनों गैंगस्टर विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था. दरअसल विकास दुबे एक दिन पहले ही उज्जैन में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद यूपी एसटीएफ उसे सड़क मार्ग से उज्जैन से कानपुर ला रही थी. यहां कानपुर में सुबह एसटीएफ की एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसके बाद पता चला कि विकास दुबे ने इस दौरान भागने की कोशिश की और पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर फायर किया. जवाबी फायरिंग में वह मारा गया. उधर इस एनकाउंटर के बाद विपक्षी दलों और तमाम संगठनों ने कई सवाल खड़े किए थे.
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