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घटना वाले दिन से ही यह आशंका जताई गई थी कि कानपुर शूटआउट (kanpur shootout) वाली रात विकास के साथ उसके मददगार भी थे. घटना को अंजाम देने का तरीका इस बात की ओर इशारा कर रहा है.
घटना वाले दिन से ही यह आशंका जताई गई थी कि कानपुर शूटआउट वाली रात विकास के साथ उसके मददगार भी थे. घटना को अंजाम देने का तरीका इस बात की ओर इशारा कर रहा है. खुद कानपुर आईजी मोहित अग्रवाल ने न्यूज18 इंडिया से बातचीत में इसका खुलासा किया था.
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न्यूज18 इंडिया के संवादाता ने जब घटना के दो दिन बाद आईजी मोहित अग्रवाल से बात की थी तो उन्होंने बताया था कि पुलिस पर स्टेट फायर कर उनकी जान लेना. धारदार हथियार से पुलिस पर हमला करने का तरीका विकास जैसे अपराधियों का नहीं हो सकता. इस तरीके से कुख्यात अपराधी ही वारदात को अंजाम देते हैं. इसलिए यह संभावना भी है कि बीहड़ के कुख्यात विकास के साथ हों.
बीहड़ की खाक छानने भी उतरी थी पुलिस
सूत्र बताते हैं कि विकास दुबे के मोबाइल की आखिरी लोकेशन औरैया के पास मिली थी. बीहड़ में बागियों के सफाये पर काम कर चुके पुलिस के रिटायर्ड अफसरों ने इसी आधार पर यह संभावना जताई थी कि इटावा के रास्ते विकास चंबल के बीहड़ में उतर चुका है. यहां से वो चंबल के आगरा सेंटर पहुंचने की कोशिश करेगा. क्योंकि आगरा सेंटर वो जगह है जहां से 30 मिनट से भी कम वक्त में यूपी से मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा में दाखिल हुआ जा सकता है.
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