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वन विभाग की टीम काठगोदाम से लेकर रानीबाग तक के जंगल में कांबिंग कर रही है ताकि गोली से घायल या मरे हुए गुलदार का पता लगाया जा सके.
मिले खून के निशान
गुलदार के शिकार के अभियान में लगे शिकारी विपिन चंद्रा के मुताबिक उन्होंने सोमवार रात रानीबाग में एचएमटी फैक्ट्री में क्लब बिल्डिंग के पास झाड़ियों में दुबके गुलदार को बेहद करीब से गोली मारी. गोली लगते ही गुलदार पलटा और जंगल की तरफ भाग गया. शिकारी विपिन चंद्रा के मुताबिक गुलदार के कंधे और सिर के बीच में कहीं गोली लगी है.
मनोरा रेंज के रेंजर बीएस मेहता के मुताबिक गोली लगने के पुख्ता प्रमाण हैं क्योंकि जिस जगह पर गोली लगी है वहां पर खून के निशान हैं. साथ ही गुलदार के बाल भी हैं. इसके अलावा जिस जगह पर गोली मारी गई है वहां से तकरीबन एक हजार मीटर तक गुलदार के खून के निशान मिले हैं.बढ़ रहा है गुलदार का आतंक
बता दें कि 11 जुलाई को गुलदार ने बैराज के पास रहने वाली एक महिला को अपना निवाला बना डाला था. पुष्पा देवी नाम की महिला गोला बैराज के ऊपर बने मंदिर में पूजा करने के लिए गई हुई थी. पुष्पा के साथ तीन और महिलाएं भी थीं लेकिन घात लगाकर बैठे गुलदार ने पुष्पा देवी पर हमला कर दिया था.
मनोरा रेंज के रेंजर बीएस मेहता के मुताबिक गोली लगने के पुख्ता प्रमाण हैं क्योंकि जिस जगह पर गोली लगी है वहां पर खून के निशान हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गुलदार महिला की लाश को घसीटते हुआ अपने साथ लेकर चला गया था. जिसे बाद में वन विभाग और पुलिस की टीम ने घटनास्थल से आधे किलोमीटर दूर बरामद किया.
इससे पहले 23 जून को काठगोदाम से सटे सोन कोट गांव में भी एक महिला को गुलदार अपना निवाला बना चुका है. शनिवार को हुई घटना और 23 जून को हुई घटना एक दूसरे से मिलती जुलती है. दोनों घटनास्थलों का फ़ासला भी तकरीबन आधे किलोमीटर का है. इसलिए लोग दहशत में है.
लोगों में गुस्सा
गुलदार के आतंक से घबराए हुए लोगों में खासा गुस्सा देखने को मिला था. स्थानीय लोगों की मांग पर वन विभाग ने गुलदार को इंसानी जिंदगी के लिए खतरनाक यानी नरभक्षी घोषित कर दिया था. इसके बाद इलाके में शिकारियों की गश्त जारी है.
हल्द्वानी और उसके आसपास के इलाकों में पिछले एक महीने से गुलदार की दस्तक देखी जा रही है. अक्सर गुलदार रिहायशी इलाकों में चहल कदमी करता हुआ दिख रहा है. जिसके कारण लोग शाम होते ही घरों के भीतर दुबकने को मजबूर हैं.
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