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प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी के.एस. वर्मा ने 137 ऐसे शिक्षकों की सूची विभागीय सचिव को भेज दी है जिन्होंने कूट रचित दस्तावेजों (Fake paperwork) के सहारे नौकरी पाई थी. एसटीएफ (STF) द्वारा हुई छानबीन के बाद ऐसे सभी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है.

सिद्धार्थनगर. उत्तर प्रदेश के शिक्षक भर्ती (Teacher recruitment of Uttar Pradesh) में फर्जी दस्तावेजों (Fake paperwork) के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षकों से अब रिकवरी (restoration) की तैयारी में बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) जुट गया है. बता दें कि अनामिका शुक्ला नाम से फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर नौकरी करने वाली शिक्षिकाओं के फर्जीवाड़े की पोल खुलना शुरू हुई तो उसके बाद पर्त-दर-पर्त ऐसे कई मामले खुलते गए हालांकि फर्जी दस्तावेजों के जरिये नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर शिकंजा पहले ही कसना शुरू हो चुका था कई जनपदों में पिछले कुछ वर्षों में ऐसे मामले सामने आए हैं और ऐसे शिक्षकों की बर्खास्तगी (Teachers Termination) की जा रही थी. अब शिक्षा विभाग द्वारा कूट रचित दस्तावेजों एवं फर्जी दस्तावेजों के सहारे सहायक अध्यापकों की नौकरी पाने वाले ऐसे फर्जी शिक्षकों से वेतन की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इन फर्जी शिक्षकों में से कुछ तो ऐसे हैं जिनके ऊपर लाखों का बकाया है.

रिकवरी प्रक्रिया के तहत होगी वसूली
उत्तर प्रदेश के जनपद सिद्धार्थनगर में इस प्रकार से नौकरी पाए जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात रहे 47 फर्जी शिक्षकों ने वेतन के माध्यम से सरकार द्वारा Four करोड़ 25 लाख 54 हजार 748 रुपए लिए हैं. अब शिक्षा विभाग द्वारा इस नुकसान की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी के.एस. वर्मा ने 137 ऐसे शिक्षकों की सूची विभागीय सचिव को भेज दी है जिन्होंने कूट रचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाई थी. एसटीएफ द्वारा हुई छानबीन में ऐसे सभी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है लेकिन तब तक 47 शिक्षकों ने विभाग से वेतन प्राप्त कर लिया था. वित्त एवं लेखाधिकारी अजय शाही ने बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर रिकवरी की कार्यवाही का अनुरोध किया है.
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सिद्धार्थनगर का फर्जी शिक्षकों की तैनाती का आंकड़ा
फर्जी दस्तावेजों के सहारे सर्वाधिक 80 शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2010-2011 में हुई थी. इसके अलावा वर्ष 2016 से 2018 तक 47 शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति की गई. इनमें से कई को वेतन भी मिलने लगा. मुख्य बकायेदार शिक्षक शोहरतगढ़ के प्राथमिक विद्यालय टेकनार में तैनात रहे चंद्रप्रकाश पाए गए जिन पर सर्वाधिक 37 लाख रुपए की बकाया देयता है. जबकि भनवापुर के रितेश कुमार सिंह, जीवन कुमार व अश्विनी श्रीवास्तव पर 22 लाख रुपए की देयता है. प्रभारी बीएसए के.एस. वर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है तथा उनसे वेतन रिकवरी भी कराई जा रही है ऐसे शिक्षकों की सूची शासन को भेज दी गई है.


Published by:
Roopam Singh


First printed:
July 7, 2020, 4:41 PM IST



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