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उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से रिक्त 763 पदों पर सीधी भर्ती के लिए तत्काल विज्ञप्ति प्रकाशित कर चयन की कार्रवाई प्राथमिकता से करने को कहा गया है.
भर्ती प्रक्रिया शुरु
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर राज्य में साधारण ग्रेड चिकित्साधिकारियों के 763 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है. उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से रिक्त 763 पदों पर सीधी भर्ती के लिए तत्काल विज्ञप्ति प्रकाशित कर चयन की कार्रवाई प्राथमिकता से करने को कहा गया है.
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर मैदानी क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी को लेकर हर बार सरकार को घेरा जाता है. उत्तराखंड राज्य गठन से लेकर अब तक 20 सालों में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जनता सरकार से सवाल करती रही है. गांवों में दूर-दराज तक लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा भी नहीं मिल पाती है.हलत यह है कि उत्तराखंड से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर भी उत्तराखंड में अपनी सेवाएं नहीं देते हैं. राज्य सरकार का दावा है कि वह स्वास्थ सुविधाओं पर काफी ध्यान दे रही है. इसके तहत पर्वतीय क्षेत्रों में डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है जिला चिकित्सालय और प्राथमिक चिकित्सालय बेहतर किए जा रहे हैं. कोविड-19 के दौरान मेडिकल स्टाफ से लेकर डॉक्टर और हॉस्पिटल में सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. इसी कड़ी में 763 डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है.
हेल्थ इंफ़्रास्ट्रक्चर में सुधार
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 763 चिकित्सकों की भर्ती से राज्य के हेल्थ सिस्टम को मजबूती मिलेगी. उन्होंने दावा किया कि प्रदेश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में काफी सुधार किया गया है. आज हर ज़िले में आईसीयू की सुविधा है. चिकित्सकों की संख्या पहले की तुलना में दोगुनी की गई है. टेली रेडियोलोजी और टेली मेडिसिन शुरू की गई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने में सफल रहे हैं. उत्तराखण्ड सर्वाधिक रिकवरी रेट वाला राज्य है. हमारे यहां मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. कोरोना काल में 400 नए डाक्टरों की भर्ती की गई है. 273 आईसीयू बेड, 165 वेंटिलेटर और 33 बाईपेप मशीनों की व्यवस्था की गई. इसके साथ ही 13 जिला अस्पतालों/बेस अस्पतालों में आक्सीजन सप्लाई पाइपलाइन का निर्माण किया जा रहा है.
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