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कानपुर (Kanpur) के प्राथमिक विद्यालय, बिक्ररु में प्रभात मिश्रा की जन्मतिथि अगस्त, वर्ष 2000 की दिखाई गई है. स्कूल की टीसी में उसकी उम्र यही लिखी हुई है. हालांकि उसमें नाम प्रभात मिश्रा की जगह शानू लिखा हुआ है, जबकि पिता और मां का नाम वही है.

लखनऊ. कानपुर के बिकरु कांड के आरोपी अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) मामले में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए उसके साथी प्रभात मिश्रा (Prabhat Mishra) की उम्र को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे. पुलिस के अनुसार प्रभात मिश्रा को फरीदाबाद से पकड़ा गया था. जिसके बाद कानपुर लाए जाने के दौरान उसने भागने की कोशिश की और मुठभेड़ में मार गिराया गया था. इस एनकाउंटर के बाद उसके नाबालिग होने के मामला तूल पकड़ रहा था. मामले में अब खुलासा हुआ है. पता चला है कि प्रभात मिश्रा नाबालिग नहीं था, उसकी उम्र 20 वर्ष थी.

प्राथमिक स्कूल की टीसी में उम्र का खुलासा, पता चले तीन नाम

दरअसल प्राथमिक विद्यालय बिक्ररु में प्रभात मिश्रा की जन्मतिथि अगस्त, वर्ष 2000 की दिखाई गई है. स्कूल की टीसी में उसकी उम्र यही लिखी हुई है. हालांकि उसमें नाम प्रभात मिश्रा की जगह शानू लिखा हुआ है, जबकि पिता और मां का नाम वही है. इसके बाद हाईस्कूल के जो प्रमाण पत्र मिले हैं, उसमें प्रभात का नाम कार्तिकेय लिखा हुआ है. यानी प्रभात के three नाम थे शानू, प्रभात और कार्तिकेय. यह तीन नाम क्यों थे? इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

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प्राथमिक विद्यालय, बिकरु की टीसी, नाम शानू

परिजनों ने साधी चुप्पी

परिजन इस पूरे मामले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. हालांकि उम्र को लेकर जो सवाल खड़े हो रहे थे? उसमें स्थिति साफ हो गई है कि प्रभात बालिग था और  कक्षा-Eight की उम्र से ही विकास दुबे का साथी बन गया था. विकास दुबे के साथ गाड़ी में घूमना, उसके साथ राइफल लेकर प्रभात अक्सर देखा जाता था.

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प्रभात की हाईस्कूल की मार्कशीट, नाम कार्तिकेय

उसके एनकाउंटर को लेकर जो नाबालिग मामला बताया जा रहा था, उस पर बरामद अभिलेख सवाल खड़ा कर रहे हैं. इस पूरे मामले पर सीओ बिल्हौर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सभी तथ्यों को इकट्ठा किया जा रहा है.



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