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इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) संजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तैनात 5 शिक्षकों के फर्जी दस्तावेज पाए गए हैं.
बात दें कि अनामिका शुक्ला कांड ने उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा कर रख दिया था. इस प्रकरण के बाद पूरे यूपी में दस्तावेजों की जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तैनात 5 शिक्षकों के फर्जी दस्तावेज पाए गए हैं, जिन्हें स्कैन करा कर नियुक्ति पत्रावली में लगाया गया था. उन्होंने बताया कि दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर 5 शिक्षकों को डीएम के आदेश पर तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है. फर्जी शिक्षकों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है. बीएसए के मुताबिक आगे भी जांच में फर्जी शिक्षक पाए जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
यूपी में इतने शिक्षक हैं कार्यरत
इसकी जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आदेश दिए हैं कि प्रदेश में जितने भी शिक्षक हैं, चाहे वो माध्यमिक शिक्षा में हों, उच्च शिक्षा में या बेसिक शिक्षा में हों, उन सभी के डोक्यूमेंट की जांच के लिए डेडिकेटेड टीम बनाई जाए, कोई भी फर्जी पाया जाए तो उनपर कार्रवाई की जाए. बता दें यूपी के इन संस्थानों में मौजूदा वक्त में 6.53 लाख शिक्षक कार्यरत हैं.ये भी पढ़ें- भदोही में भीषण सड़क हादसा, एम्बुलेंस पलटने से मरीज समेत दो की मौत
अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आने के बाद से ही बेसिक शिक्षा विभाग में मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से दस्तावेजों की जांच शुरू हो चुकी है. इसके लिए नोडल अफसर भी बनाए गए हैं. सभी शिक्षकों की सर्विस बुक व मार्कशीट अपलोड कर दी गई है. अब सभी शिक्षकों को 25 जून तक अपनी सर्विस बुक और दस्तावेजों का सत्यापन करवाना है. इसके अलावा सभी के शैक्षणिक दस्तावेजों की अलग से जांच होगी.
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