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सवाल उठाए जा रहे हैं कि जिस वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने इस पुल का निर्माण किया और अप्रोच रोड (Approach Road) बनवाया था उसपर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
बता दें कि बीते बुधवार को गोपालगंज और चंपारण को जोड़ने वाली सत्तर घाट महासेतु से दो किलोमीटर पहले अप्रोच रोड ध्वस्त हो गया था. जिसको लेकर स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने कार्य एजेंसी पर लापरवाही का आरोप लगाया था. अब सवाल ये उठाए जा रहे हैं कि जिस वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने इस पुल का निर्माण किया और अप्रोच रोड बनवाया था उसपर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इसी तरह जल संसाधन विभाग और पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों और कर्मियों को क्यों बख्श दिया गया? बल्कि इसके उलट महासेतु के अप्रोच रोड के टूटने के बाद आम लोगों को या स्थानीय जनप्रतिनिधियो को ही निशाना बनाया गया है. जबकि अबतक पूरे मामले की जांच कराने की कोई बात नहीं की गयी है.
जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
गौरतलब है कि बैकुंठपुर के सीओ ने लॉक डाउन के उल्लंघन और घटना स्थल पर हंगामा करने के आरोप में एक नामजद और कई अज्ञात लोगो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. सीओ के अलावा संवेदक ने भी सरकारी कार्य में बाधा पहुचाने और कटाव निरोधी कार्य नहीं करने देने के आरोप में दर्जनों लोगो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसके अलावा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के द्वारा भी इस मामले में कई लोगों के खिलाफ कार्य रोकने और प्रदर्शन करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.राजद ने पूछा नीतीश सरकार से सवाल
इस मामले पर राजद किसान सेल के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है. अरुण कुमार सिंह के मुताबिक जब अप्रोच रोड पर बना पुलिया ध्वस्त हुआ था. उसके लिए संवेदक और कार्य एजेंसी के लोग जिम्मेदार हैं. क्योकि इस पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया. इसके साथ ही गुणवत्ता के अनुरूप कार्य नहीं हुआ. जिसको लेकर कार्य एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच करवाना चाहिए था. लेकिन इसके उलट आम लोगो को निशाना बनाया जा रहा है. जो किसी भी तरह से उचित नहीं है.
‘नीतीश अपनी नाकामी छिपाने को करवा रहे एफआईआर’
वहीं मामले में बरौली के राजद विधायक मो नेमतुल्लाह ने पथ निर्माण मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है. घटिया निर्माण की जिम्मेदारी मंत्री की है. घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया. विभागीय अधिकारियों और मंत्री के द्वारा कमीशन के तौर पर मोटी रकम वसूली गयी. जिसके जिम्मेदार विभागीय अधिकारी और संवेदक है. फिर आमलोगों को क्यों प्राथमिकी दर्ज करायी जा रही है. यह सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार अपनी नाकामी छिपाने के लिए आम लोगों पर एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं.
विधानसभा में मुद्दा उठाएंगे भाजपा विधायक
बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी ने इस मामले की जानकारी बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव को दी थी. उन्होंने कहा था कि इस मामले की जांच करने के लिए वह आगामी four अगस्त को शुरू होने वाले विधानसभा में उठाएंगे.
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