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ट्वीट में विरोधी दलों के अलावा सहयोगी पार्टी पर भी निशाना
सुशील मोदी के ट्वीट में किया गया बदलाव बड़ा इशारा कर रहा है. क्योंकि उनके पहले किए गए ट्वीट से निशाने पर केवल विरोधी आरजेडी ही नहीं, बल्कि, दूसरे दल भी हैं. यहां तक कि एनडीए में शामिल और बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) भी उनके ट्वीट के निशाने पर थी. क्योंकि एलजेपी ने भी कोरोना के चलते चुनाव टालने की बात कही है. पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस पक्ष में ट्वीट कर अपनी राय जाहिर कर दी है. चिराग मानते हैं कि कोरोना काल में चुनाव न सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा बल्कि, वोटिंग प्रतिशत पर भी इसका असर होगा. यहां तक कि आर्थिक बोझ भी ज्यादा पड़ेगा.
विधानसभा चुनाव समय पर हों या टल जाएँ, एनडीए आयोग के निर्णय का पालन करेगा।
हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं, लेकिन जैसे कमजोर विद्यार्थी परीक्षा टालने के मुद्दे खोजते हैं, वैसे ही राजद अपनी संभावित हार को देखते हुए चुनाव टालने के लिए बहाना खोज रहा है।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) July 11, 2020
चिराग पासवान का विचार सहयोगी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) की राय से बिल्कुल उलट है. जबकि उनकी राय विरोधी आरजेडी की राय से मेल खाती है. उनके इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में तेजस्वी-चिराग की निकटता और सुर मिलने की बात कही जाने लगी है. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी को सुशील मोदी का ट्वीट नागवार गुजरा. यहां तक कि उनके ट्वीट से एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान भी नाखुश थे. लिहाजा, सुशील मोदी ने अपना ट्वीट बदलकर सीधे आरजेडी को ही निशाने पर लिया.
ट्वीट बदलने के प्रकरण को लेकर एनडीए खेमे के भीतर चल रही खींचतान दिख रही है. हालांकि बीजेपी की तरफ से एनडीए के अटूट होने और सबकुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा है. लेकिन, विरोधियों को सवाल उठाने का मौका मिल गया है. कांग्रेस के नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि एनडीए संगठित नहीं है और कभी भी बिखर सकती है. उन्होंने इसे महागठबंधन के लिए अच्छा संकेत बताया है.
विरोधी पार्टियों ने नीतीश कुमार पर साजिश रचने का लगाया आरोप
वहीं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, शुरू से ही नीतीश कुमार की यह साजिश रही है कि वो एनडीए के भीतर बीजेपी के किसी भी सहयोगी को रहने देना नहीं चाहते. वो छोटे सहयोगी दलों को अपमानित करने का काम करते हैं, ताकि वो गठबंधन छोड़ कर चले जाएं. बीजेपी के भीतर मौजूद कुछ अपने लोगों के माध्यम से वो ऐसा करते हैं. रामविलास पासवान और चिराग पासवान सुलझे हुए नेता हैं. वो इन बातों को समझते हैं. माधव आनंद ने साफ किया कि एनडीए के भीतर ऑल इज वेल नहीं है.
उधर, आरजेडी ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने सुशील मोदी के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह तो श्मशान में विवाह के गीत गाने की बात है. आखिर यह कैसी राजनीति है? क्या कोरोना संक्रमण में चुनाव संभव होगा? हालांकि मनोज झा ने चिराग पासवान और तेजस्वी यादव के चुनाव टालने के पक्ष में समान विचार को राजनीतिक नजरों से नहीं देखे जाने की बात कही. उन्होंने इसे महज संवेदना की वजह से समानता बताया.
फिलहाल, ट्वीट बदलने के चलते विरोधियों को सुशील मोदी समेत पूरी बीजेपी को घेरने का मौका मिल गया है. लेकिन, इस ट्वीट विवाद ने एक बार फिर एनडीए के भीतर की खींचतान को सतह पर ला दिया है.
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