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आगरा (Agra) में आसपास के जिलों से आने वाले लोग अकसर ई रिक्शा पर बैठने के बाद पेशेवर जेबकतरों का शिकार हो जाते थे. भगवान टॉकीज (Bhagwan Talkies Crossroads) चौराहे से लेकर हरिपर्वत तक जेब कटने की घटनाएं बढ़ने पर पुलिस ने भेष बदलकर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने का जो संकल्प लिया उसमें काफी हद तक कामयाबी मिल गयी.
आगरा के हरिपर्वत थाना क्षेत्र में जेबकटने की घटनाएं वर्षों से होती रही हैं. बहुत से लोग शिकायत ही नहीं करते जबकि कुछ लोग शिकायत करते हैं तो भी उन्हें रकम वापस नहीं मिलती. त्योहारों पर लगातार जब घटनाएं बढ़ने लगी तो बैठक करके थानाध्यक्ष अजय कौशल ने महत्वपूर्ण योजना बनाई. इस योजना के तहत सिपाही गौतम लगातार तीन दिन तक ई रिक्शा चलाकर पीछे बैठे सवारियों पर कड़ी नजर रखने लगा. लगातार रिक्शा चलाने के दौरान सिपाही गौतम की अन्य रिक्शाा चालकों से दोस्ती भी हो गयी थी. ऐसे में तमाम रिक्शा चालकों से महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के साथ ही गौतम का काम आसान होता गया.
सिपाही गौतम अपने गले में गमछा भी डाले रहते थे
रिक्शा चालक के भेष में पैंट शर्ट पहने सिपाही गौतम अपने गले में गमछा भी डाले रहते थे. रिक्शा चलाने के तीसरे दिन उनके रिक्शे में पीछे बैठे एक बुजुर्ग की अचानक जेब कट गयी. जेब में 60 हजार रुपये थे. बुजुर्ग ने अपनी बेटी की शादी के लिए इन रुपयों को निकाला था. आरोपी और बुजुर्ग को हरिपर्वत थाने लाया गया तो बुजुर्ग काफी डरे हुए थे. बाद में जब उन्हें सच्चाई पता चली तो वह पुलिस का शुक्रिया अदा करते नजर आये. इससे पहले पुलिस ने सब्जी का ठेला लगाया था. आगरा पुलिस ने पूर्व में भी भेष बदलकर बेहतरीन कार्यशैली का प्रदर्शन किया है. सीएए के विरोध में जब पड़ोसी जनपद फिरोजाबाद में हिंसा हुई थी तो कई शातिर आगरा के मंटोला क्षेत्र में आकर छुपे थे. इनकी पहचान के लिए आगरा पुलिस के एक सिपाही ने कई दिन मंटोला में ठेले पर सब्जियां बेची थीं. उस दौरान में आगरा पुलिस की तस्वीरें खूब वायरल हुई थीं.
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