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उन्होंने बताया कि बहुत देर तक सुखराम वैसे ही इमरजेंसी वार्ड (Emergency ward) में फर्श पर पड़ा रहा और अंत में उसकी मौत हो गई. साजिदा और सुखराम के दुखों का यहीं अंत नहीं हुआ. मौत के बाद सुखराम का शव वहीं फर्श पर पड़ा रहा.
उन्होंने बताया कि बहुत देर तक सुखराम वैसे ही इमरजेंसी वार्ड में फर्श पर पड़ा रहा और अंत में उसकी मौत हो गई. साजिदा और सुखराम के दुखों का यहीं अंत नहीं हुआ. मौत के बाद सुखराम का शव वहीं फर्श पर पड़ा रहा. देर तक बारिश में भीगता रहा लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया. बहुत देर बाद साजिदा का रोना सुनकर कुछ लोगों ने उसके पति के शव को वहां से लाकर पास बने रैन बसेरा में रख दिया. मामला सोशल मीडिया पर वायरस होने के बाद अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉक्टर सुनीत वार्षणेय ने जांच का आदेश देते हुए कहा कि दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चे की मौत हो गई थी
बता दें कि बीते महीने कन्नौज जिला अस्पताल में दिमागी बुखार से पीड़ित एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. परिजनों ने बच्च्चे की मौत के बाद डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था. मामले में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि बच्चे की हालत सीरियस थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई थी. किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. सदर कोतवाली क्षेत्र के मिश्रीपुर गांव निवासी प्रेमचंद्र के एक वर्षीय पुत्र अनुज को कई दिनों से बुखार था. बुखार के चलते हालत बिगड़ी तो परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. आरोप है कि, काफी देर तक परिजन बच्चे को लेकर इधर उधर भटकते रहे. हालत खराब देख डॉ. वीके शुक्ला ने जांच करने के बाद बच्चे को डॉक्टर पीएम यादव के पास भेज दिया. लेकिन बच्चे की मौत हो गई.
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