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बादल फटने (Cloudburst) से मची तबाही के बाद प्रशासन की ओर से कोई लोगों की सुध लेने के लिए गांव नहीं पहुंचा. ग्रामीण (Villagers) डर के साये में जीने को मजबूर हैं.
भूस्खलन के खतरे से ग्रामीण डरे हुए हैं. लेकिन बादल फटने से मची तबाही के बाद प्रशासन की ओर से कोई सुध लेने गांव तक नहीं पहुंचा. ग्रामीणों ने बताया कि पानी और मलबे के सैलाब से दुगड्डा रोड से गांव को जोड़ने वाली पुलिया ढह कर बह गई. लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं. उन्हें डर है कि अगर दोबारा भारी बारिश होती है, तो आधे से ज्यादा गांव इसकी चपेट में होगा.
बारिश बनी आफत
दरअसल राज्य में बारिश आफत बनकर बरस रही है. हरिद्वार में बारिश के दौरान पेड़ गिरने से लोडर पर सवार एक युवक की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हो गये. वहीं भूस्खलन के चलते गुरुवार रात से पीपलकोटी के पास बंद बदरीनाथ हाईवे शुक्रवार शाम को सुचारू कराया गया. भनारपानी में अचानक भू-स्खलन से हाईवे पर गुजर रहा ट्रक मलबे में दब गया. चालक और हैल्पर ने किसी तरह भाग कर जान बचाई.पांच जिलों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट
मौसम विभाग ने देहरादून और हरिद्वार समेत राज्य के पांच जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. प्रदेश में 60 से ज्यादा संपर्क मार्गों पर आवाजाही अब भी बाधित है. श्रीनगर के पास मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे 11 घंटे तक बंद रहा. पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग तीसरे दिन भी नहीं खोला जा सका.
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