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आरक्षण का पेच
उत्तराखंड मेडिकल सेलेक्शन बोर्ड के चेयरपर्सन डॉक्टर डीएस रावत बताते हैं कि उत्तराखंड में डॉक्टरों की 763 पद ही खाली हैं और सरकार ने अब सभी को भरने को कह दिया है. यह सभी पद भरे जा सकें तो सभी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए डॉक्टर उपलब्ध हो सकते हैं लेकिन ऐसा हो नहीं पाएगा.
दरअसल इन 763 पदों में से 250 से ज़्यादा पद अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इनके अलावा ओबीसी और आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए भी आरक्षण है. डॉक्टर रावत कहते हैं कि इतने सारे पदों के लिए आरक्षित श्रेणी के डॉक्टर मिलते नहीं हैं इसलिए यह माना जा रहा है कि 250 से ज़्यादा पद खाली ही रहेंगे.ऐसे होगी कमी पूरी
दरअसल ये सभी आरक्षित पद वर्टिकल रिज़र्वेशन के हैं. इसका अर्थ यह है कि अगर आरक्षित पद का उम्मीदवार नहीं मिलता है तो पद खाली रहेगा लेकिन किसी और श्रेणी के उम्मीदवार से उसे नहीं भरा जा सकता. हॉरिज़ॉन्टल रिज़र्वेशन में अगर आरक्षित पद का उम्मीदवार न मिले तो उस पद को अन्य वर्ग के योग्य उम्मीदवार को दिया जा सकता है.
आरक्षण के इस पेच के कारण इन खाली पदों को तो सरकार नहीं भर सकती लेकिन वह अपनी ज़रूरत के अनुरूप इन पदों पर कॉंट्रेक्ट पर डॉक्टरों को रखती है. डॉक्टर डीएस रावत कहते हैं इन पदों पर रिटायर्ड डॉक्टरों, राज्य से एमबीबीएस करने वाले अनुबंधित नए ग्रेजुएट्स को कांट्रेक्ट कर रखकर डॉक्टरों की कमी पूरी करने की कोशिश की जाएगी.
कब तक मिलेंगे डॉक्टर
उत्तराखंड मेडिकल सेलेक्शन बोर्ड के चेयरपर्सन डॉक्टर रावत कहते हैं कि ढाई-तीन महीने में यह भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
लेकिन क्या प्रदेश को डॉक्टर तब नहीं मिल पाएंगे जब उसे सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, मतलब अभी? three महीने बाद क्या ‘कोरोना काल’ ख़त्म नहीं हो जाएगा क्योंकि केंद्र सरकार या आसीएमआर 15 अगस्त तक कोविड-19 की वैक्सीन लॉंच करने के लिए कह चुकी है?
डॉक्टर रावत कहते हैं कि अभी कोरोना का संकट ख़त्म नहीं हो रहा है. वैक्सीन अगर 15 अगस्त तक लॉंच हो भी गई तो पूरे देश या ज़्यादातर तक इसे पहुंचने में बहुत समय लगेगा आखिर देश की आबादी 135 करोड़ है. उत्तराखंड के डीजी हेल्थ रहे डॉक्टर रावत अपने उदाहरण के बताते हैं कि 1980 में सेलेक्शन प्रासेस शुरु होने के बाद नियुक्ति पाने में उन्हें three साल लग गए थे, अब तो यह three महीने में ही हो जाता है.
डॉक्टर डीएस रावत यह भी कहते हैं कि भले ही कितनी ही एमरजेंसी हो आप चयन प्रक्रिया में ढील नहीं कर सकते. एक बार जो डॉक्टर आपने चुन लिया वह 30-35 साल तक स्वास्थ्य प्रणाली में रहता है और अगर वह कमज़ोर हुआ तो इतने लंबे समय तक लोगों की जान से खिलवाड़ होता रहेगा.
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