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कैमूर के एसपी एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि आदेशपाल ने डीएम से शिकायत की थी जिसको लेकर एक धावा दल का गठन किया गया था. इस टीम ने लिपिक को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
अस्पताल के आदेशपाल से ले रहा था कमीशन
डीएम के आदेश पर एसपी ने धावा दल का गठन किया था जिसके बाद घूस लेते लिपिक को रंगे हाथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. अनिल कुमार सदर अस्पताल में लिपिक के पद पर कार्यरत है जो अक्सर अस्पताल कर्मीयों से एरियर के नाम पर 25 प्रतिशत कमीशन का मांग करता था. जो उसे कमीशन नहीं देता था तो उसका एरियर नहीं बताता था. इससे मजबूर कर्मियों ने शिकायत करते हुए उसे गिरफ्तार करवाया.
कई लोगों से ले चुका था कमीशनपीड़ित अनिल राम भभुआ सदर अस्पताल में आदेशपाल की नौकरी करता है. जिसका एरियर 10 हजार रुपया आया था. अपने एरियर के लिए लिपिक के पास वो लगातार गुहार लगता रहा था जिसके बाद लिपिक ने कमीशन के तौर पर four हजार रुपए की मांग की. अनिल का साथी महेंद्र राम जो की आदेशपाल की नौकरी करता है उसका भी 1 लाख एरियर आया तो लिपिक ने 25 हजार रुपया की मांग की थी.
एसपी बोले
जिले के एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि आदेशपाल ने डीएम से शिकायत की थी जिसको लेकर एक धावा दल का गठन किया गया जिसमें जिले के एडीएम सुमन कुमार जो सदर अस्पताल के नोडल पदाधिकारी भी हैं, भभुआ एएसडीएम, एसडीपीओ, थानाध्यक्ष ,डीआईओ शामिल थे. टीम ने पीड़ित के पैसे पर कोड डाल दिया जिसके बाद आदेशपाल ने जैसे ही four हजार रुपया लिपिक को दिया टीम ने उसे दबोच लिया. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है वहीं सिविल सर्जन ने लिपिक को निलंबित कर दिया है.
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