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महाकाल मंदिर ( Ujjain Mahakal Mandir) के गार्ड ने बताया कि फोटो और वीडियो मैच होने पर विकास दुबे (Vikas Dubey)निर्गम द्वार पर रोककर पूछताछ की गई. इस दौरान विकास ने अपना दूसरा नाम बताया और उम्र 28 साल बताई जिस पर शक और गहरा गया.
170 कैमरों की नजर से बच गया विकास दुबे
महाकाल मंदिर में सुरक्षा की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी की है. सिक्योरिटी गार्ड मंदिर के चारों ओर घूमकर संदिग्ध लोगों पर नजर रखते हैं. मंदिर परिसर में 170 अत्याधुनिक कैमरे लगे हैं जिसको कंट्रोल रूम के जरिए जोड़ा गया है. इसके अलावा यहां पर हर समय 60 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. बावजूद इसके विकास दुबे खुलेआम घूमता रहा. उसने इस दौरान मुंह पर मास्क पहना हुआ था. सुबह करीब पौने आठ बजे वो 251 रुपये शीघ्र दर्शन की रसीद कटवाकर मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंचा. दर्शन करने के बाद निकलते वक्त सिक्योरिटी गार्ड धर्मेन्द्र,रवि और विजय को ये संदिग्ध व्यक्ति लगा तब उन्होंने पुलिस का सूचना दी.
“मुझे अपना पक्ष रखने का मौका दो”महाकाल मंदिर के सिक्योरिटी गार्ड को शक होने पर उन्होंने अपने मोबाइल पर विकास दुबे की फोटो मैच की. हालांकि उसने अपने बाल छोटे कराने के साथ उनको काला करा लिया था. बावजूद इसके उसका फोटो मैच हो रहा था. यही कारण रहा कि उसे निर्गम द्वार से वापस मंदिर परिसर की ओर लाया गया. तब तक महाकाल पुलिस चौकी पर सूचना दे दी गई थी. चौकी पर तैनात सब इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल भी निर्गम द्वार की तरफ आ गए. इस समय तक विकास दुबे सिक्योरिटी गार्ड्स की गिरफ्त में ही रहा. यहां से विकास दुबे को महाकाल मंदिर चौकी लाया गया और यहीं से महाकाल थाने पर सूचना दी गई कि टीआई चौकी पर भेजो, लेकिन थाना प्रभारी अरविंद तोमर सुबह की गश्त कर घर लौट चुके थे. इस कारण थाने से कोई भी पुलिस अधिकारी चौकी तक नहीं पहुंचा. इस दौरान विकास दुबे ने कहा कि मैं महाकाल दर्शन करने के बाद पुलिस के सामने सरेंडर करने ही आया था. मुझे अपना पक्ष रखने का मौका तो दो. मौजूद लोगों का कहना है कि विकास खुद को बचाने और भागने की फिराक में नहीं लग रहा था.
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पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन ने नरोत्तम मिश्रा की भूमिका पर उठाए सवाल
मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने गैंगस्टर विकास दुबे को लेकर एमपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने विकास दुबे की गिरफ्तारी को संदिग्ध मानते हुए कहा कि इस दुर्दांत अपराधी के अरेस्ट के बाद हथकड़ी तक नहीं डाली गई, बल्कि उसे सोफे पर बिठाया गया. ये सब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है. उसके चेहरे पर पुलिस का कोई खौफ दिखाई नहीं दे रहा था. वहीं, बाला बच्चन ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि मंत्री सिर्फ बयान देते हैं उनकी कानूनी कार्रवाई में दम नहीं है. नरोत्तम मिश्रा यूपी चुनाव में कानपुर के चुनाव प्रभारी रहे हैं और गैंगस्टर विकास दुबे भी कानपुर से आता है. ये बात कहीं न कहीं शंका पैदा करती है.
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