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कानपुर कांड: बता दें एसओ विनय तिवारी, दरोगा कुंवर पाल, केके शर्मा और सिपाही राजीव चौधरी पहले ही निलंबित (Suspend) किए जा चुके हैं. इतना ही नहीं एसएसपी ने पूरे थाने के बाकी 68 स्टाफ को भी लाइन हाजिर कर दिया है. सभी के खिलाफ जांच जारी है.
विनय तिवारी की भूमिका मिली संदिग्ध
दरअसल अब तक की जांच में एसओ विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध मिली है. साथ ही यह बात भी साफ हो रही है कि उन्होंने 2/three जुलाई की रात विकास दुबे के घर पर दबिश देने जा रही पुलिस टीम (Police Team) की इनफार्मेशन लीक की थी. पुलिस की ही मुखबिरी के बाद विकास दुबे ने अपने हथियारबंद गुर्गों के साथ मिलकर आठ पुलिसवालों को मौत के घाट उतार दिया था.
पूरा थाना किया गया लाइन हाजिरबता दें इस मामले में एसओ विनय तिवारी, दरोगा कुंवर पाल, केके शर्मा और सिपाही राजीव चौधरी पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं. इतना ही नहीं एसएसपी ने पूरे थाने के बाकी 68 स्टाफ को भी लाइन हाजिर कर दिया है. सभी के खिलाफ जांच जारी है. अब चौबेपुर थाने में 55 नए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने की थी विनय तिवारी की शिकायत
गौरतलब है कि कानपुर हत्याकांड में शहीद हुए सीओ विल्ल्हौर देवेंद्र मिश्रा ने 14 अप्रैल को ही तत्कालीन एसएसपी अनंत देव त्रिपाठी को विभागीय चिट्ठी लिखकर एसओ विनय तिवारी और अपराधी विकास दुबे के सांठगाँठ की जानकारी दी थी. साथ ही किसी गंभीर गह्तना की आशंका जताई थी. हालांकि तत्कालीन एसएसपी ने इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद मंगलवार को शासन ने उन्हें डीआईजी एसटीएफ के पद से हटाते हुए मुरादाबाद पीएसी भेज दिया. अब उनके खिलाफ भी जांच जारी है.
STF की जांच में हुआ मुखबिरी में खुलासा
इस हत्याकांड में अब तक की जांच में इस बात का खुलासा हो चुका है कि पुलिस विभाग ने ही मुखबिरी की. एसटीएफ के हाथ लगे ऑडियो से पता चला है कि चौबेपुर थाने में तैनात दरोगा केके शर्मा ने विकास दुबे से वारदात की रात से पहले शाम साढ़े पांच बजे विकास दुबे से बात की थी. उसके बाद दबिश से ठीक पहले रात 12.11 बजे सिपाही राजीव चौधरी ने विकास दुबे को दबिश और पुलिस फोर्स की संख्या बतायी. जिस पर विकास दुबे ने कहा कि आज वह पोलकी से निपट लेगा.
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