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Kanpur Shootout: दो दशक से ज्यादा तक अपने अपराध के राज्य को बेख़ौफ़ चलाने वाले मोस्ट वांटेड विकास दुबे (Vikas Dubey) का गैंग अब खत्म हो रहा. आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद अब पुलिस (Police) उसके गुर्गों को चुन-चुनकर मार रही है.
मामा और चचेरे भाई को पहले ही मार गिराया था
गत शुक्रवार की रात विकरू गांव में पुलिस टीम पर हमले के ठीक बाद शनिवार को पुलिस ने विकास दुबे के मामा प्रेमप्रकाश पांडेय और चचेरे भाई अतुल दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया था. बुधवार को हमीरपुर के मौदहा में एसटीएफ और पुलिस की टीम ने उसके राइट हैंड अमर दुबे को भी ढेर कर दिया. आज यानी गुरुवार को प्रभात मिश्रा और बव्वन शुक्ला भी पुलिस की गोली का शिकार हो गए. इन पाँचों के अलावा उसके करीब दयाशंकर अग्नहोत्री और श्यामू बाजपेयी को भी पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है. साथ ही चौबेपुर थाने के पूर्व एसओ, दरोगा केके शर्मा और सिपाही राजीव चौधरी समेत सात अन्य को भी पुलिस ने मुखबिरी के शक में अरेस्ट किया है. इनके अलावा फरीदाबाद के रहने वाले अंकुर और उनके पिता श्रवण को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसके अलावा एमपी के शहडोल से साले राजू खुल्लर को भी गिरफ्तार किया गया है.
अभी भी फरार है विकास दुबेउधर हत्याकांड का मास्टरमाइंड विकास दुबे अबी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. गैंगस्टर विकास दुबे के नोएडा में होने की भी सूचना मिल रही है. बता दें कि विकास दुबे के नोएडा में देखने की सूचना हरदोई निवासी सुनील ने पुलिस को दी थी. सुनील गढ़ी चौखंडी में रहता है और निजी कंपनी में जॉब करता है. सुनील ने पुलिस को बताया कि ग्रेनो वेस्ट के एक मूर्ति चौराहे से गढ़ी चौखंडी वो अपने दोस्त के साथ आ रहा था. तभी विकास दुबे एक मूर्ति चौराहे से बैठा टैक्सी में बैठा. उसके हाथ में बैग था और उसने शराब पी रखी थी. सुनील से उसने फोन मांगा लेकिन उसने मना कर दिया. फिर सेक्टर-71 के पर्थला चौक पर ऑटो से उतरने का बाद उसने पुलिस को सूचना दी.
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