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डीजीपी ऑफिस (DGP workplace) ने कानपुर नगर और देहात पुलिस से ये रिपोर्ट मांगी है. जानकारी के अनुसार शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही को लेकर ये रिपोर्ट तलब की गई है.
शस्त्रधारकों में कई बिकरु कांड के आरोपी
दरअसल कानपुर कांड के बाद पुलिस ने जांच की तो पता चला कि विकास दुबे अपने करीबियों के नाम पर असलहा लाइसेंस बनवाकर इस्तेमाल करता था. लाइसेंसी शस्त्रधारकों में बिकरु कांड के कई आरोपी भी शामिल हैं.
इनके नाम हैं ये असलहेइसमें विष्णु पाल के नाम पर एक रिवाल्वर, एक डबल बैरल बंदूक का लाइसेंस जारी किया गया है. वहीं जहान सिंह यादव के नाम पर एक डबल बैरल बंदूक है. इसी तरह नौकर दयाशंकर के पास एक सिंगल बैरल बंदूक है, जबकि आलोक के पास एक डबल बैरल बंदूक है.
भाई दीपक के नाम रायफल और भाभी के नाम रिवाल्वर
इसी तरह राम सिंह के नाम पर एक डबल बैरल बंदूक का पता चला है, श्रीकांत शुक्ला के पास एक डबल बैरल बंदूक और यादवेंद्र सिंह के पास एक लाइसेंसी राइफल है. राजन के पास एक डबल बैरल बंदूक है. विकास के भाई दीपक के पास एक लाइसेंसी राइफल है. दीपक की पत्नी अंजली दुबे के नाम पर एक रिवाल्वर का लाइसेंस है.
पुलिस से लूटे हथियारों की तलाश में मुनादी
उधर पुलिस ने बिकरु गांव में शनिवार को मुनादी कराई, इसमें कहा गया कि 2/three जुलाई की रात गांव में हुई वारदात के दौरान पुलिस से लूटे गए हथियार जिसके भी पास हों, वो पुलिस के समक्ष आकर हथियार जमा करें, वरना कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें पुलिस ने अब तक लूटे गए असलहों में से three पिस्टल बरामद कर ली है, लेकिन उसे अभी भी एके-47 और इंसास रायफल की तलाश है.
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