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सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट किया है कि यूपी सत्ता व अपराध के गठजोड़ के उस वीभत्स दौर में है, जहां न तो पुलिस को मारनेवाले दुर्दांत अपराधी पर कोई कार्रवाई हुई है और न ही उस अधिकारी पर जिसकी संलिप्तता का प्रमाण चतुर्दिक उपलब्ध है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है, “उप्र सत्ता व अपराध के गठजोड़ के उस वीभत्स दौर में है, जहां न तो पुलिस को मारनेवाले दुर्दांत अपराधी पर कोई कार्रवाई हुई है और न ही उस अधिकारी पर जिसकी संलिप्तता का प्रमाण चतुर्दिक उपलब्ध है. ऐसे में तथाकथित निष्पक्ष जांच भी उनसे करवाई जा रही है, जो ख़ुद कठघरे में खड़े हैं.”
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अखिलेश के इस ट्वीट को कानपुर शूटआउट के बाद फरार अपराधी विकास दुबे से जोड़कर देखा जा रहा है. बता दें यूपी पुलिस तमाम मशक्कत के बाद भी अब तक विकास दुबे को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. वहीं दूसरी तरफ कई पुलिसकर्मी विकास दुबे से संबंध के चलते कटघरे में हैं. यही नहीं मामले में यूपी एसटीएफ के डीआईजी पर गाज गिर गई है.
उप्र सत्ता व अपराध के गठजोड़ के उस वीभत्स दौर में है, जहाँ न तो पुलिस को मारनेवाले दुर्दांत अपराधी पर कोई कार्रवाई हुई है और न ही उस अधिकारी पर जिसकी संलिप्तता का प्रमाण चतुर्दिक उपलब्ध है. ऐसे में तथाकथित निष्पक्ष जाँच भी उनसे करवाई जा रही है, जो ख़ुद कठघरे में खड़े हैं.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 8, 2020
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उधर विकास दुबे के तीन करीबी रिश्तेदार व सहयोगी एनकाउंटर में ढेर हो चुके हैं. जबकि गैंग के दो गुर्गे पुलिस (Police) की गोली लगने से घायल होकर गिरफ्तार हो चुके हैं. शुक्रवार की रात विकरू गांव में पुलिस टीम पर हमले के ठीक बाद शनिवार को पुलिस ने विकास दुबे के मामा प्रेमप्रकाश पांडेय और चचेरे भाई अतुल दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया था. आज यानी बुधवार को हमीरपुर के मौदहा में एसटीएफ और पुलिस की टीम ने उसके राइट हैंड अमर दुबे को भी ढेर कर दिया. इन तीनों के अलावा उसके करीब दयाशंकर अग्नहोत्री और श्यामू बाजपेयी को भी पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है. दोनों को पैर में गोली लगी है.
शव लेने को तैयार नहीं थे घरवाले
उधर पोस्टमार्टम के बाद मामा प्रेमप्रकाश पांडेय और चचेरे भाई अतुल दुबे के घरवाले उसका शव लेने को तैयार नहीं हैं. पुलिस की तरफ से कई बार सूचित करने के बावजूद घरवालों ने शव लेने से इनकार कर दिया. बड़ी मशक्कत के बाद कुछ रिश्तेदार पोस्टमॉर्टम हॉउस पहुंचे और शव की सुपुर्दगी तो लेली, मगर अतिंम संस्कार करने के लिए इंकार कर दिया. इसके बाद पुलिस ने दोनो शवों का भैरवघाट पर अंतिम संस्कार कराया.
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